महंगी होंगी खाने-पीने की ये चीजें, अस्पताल का खर्चा भी बढ़ जाएगा

नई दिल्ली,

आम आदमी पर महंगाई की मार और पड़ने वाली है. 18 जुलाई से जरूरत की कई चीजें महंगी होने जा रही हैं, जिसकी वजह से आपकी जेब पर और बोझ बढ़ेगा. दही-लस्सी से लेकर अस्पतालों में इलाज के लिए अब लोगों को अधिक पैसे चुकाने पड़ेंगे. जरूरत की तमाम वस्तुओं पर सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) की दरें बढ़ा दी हैं. सरकार ने कई वस्तुओं को पहली बार GST के दायरे में लाया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBDT) के नए नोटिफिकेशन के मुताबिक सोमवार (18 जुलाई) से इस सिफारिश को लागू किया जा रहा है, जिसके कारण वाले दूध के पैक्ड प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे.

ये चीजें होने वाली हैं महंगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में दूध के प्रोडक्ट को पहली बार GST के दायरे में शामिल करने का फैसला किया गया था. GST काउंसिल की बैठक में टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क पर 5 फीसदी GST लगाने का फैसला किया गया. ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स और केक-सर्वर्स आदि पर सरकार ने GST को बढ़ा दिया है. अब इस पर 18 फीसदी की दर से GST वसूली जाएगी.

इलाज होगा महंगा
आईसीयू के बाहर अस्पतालों के ऐसे कमरे, जिनका किराया एक मरीज के लिए 5000 रुपये रोजाना से ज्यादा है, अब सरकार यहां भी 5 फीसदी के दर से GST वसूलेगी. पहले ये GST के दायरे से बाहर था. एलईडी लाइट्स और लैंप की कीमतें भी बढ़ सकती हैं, क्योंकि सरकार ने इस पर GST को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा बैंकों में भी आपकी जेब का बोझ बढ़ जाएगा, क्योंकि चेक बुक जारी किए जाने पर बैंकों की तरफ से लिए जाने वाले फीस पर अब 18 फीसदी GST वसूली जाएगी. एटलस सहित मैप और चार्ज पर 12 फीसदी की दर से GST लगेगा.

महंगे होटल रूम
1000 रुपये किराये वाले होटल के कमरे पर भी आपको GST चुकाना पड़ेगा. अभी तक 1000 रुपये तक के कमरे GST के दायरे से बाहर थे. इन पर अब 12 फीसदी की दर से GST लगेगा.

बढ़ सकती हैं डेयरी प्रोडक्ट्स की कीमत
प्री-पैकेज्ड और प्री-लेबल्ड दही, लस्सी और छाछ पर लगने वाली GST का असर डेयरी कपंनियों पर अतिरिक्त लागत के रूप में पड़ेगा और डेयरी कंपनियां इसकी वसूली ग्राहकों से कर सकती हैं. जीएसटी काउंसिल ने ऐसे समय में डेयरी प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में शामिल किया है, जब देश में महंगाई अपने चरम पर है. हाल ही में आए खुदरा महंगाई के आंकड़े रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के तय लक्ष्य से अधिक हैं. जून के महीने में मुद्रास्फीति 7.01 प्रतिशत रही है.

बढ़ा है जीएसटी कलेक्शन
सरकार ने तमाम चीजों पर GST दर तब बढ़ाई है, जब जीएसटी कलेक्शन बढ़िया हो रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 56 फीसदी बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. यह लगातार पांचवां ऐसा महीना रहा, जब सरकार को जीएसटी से 01 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ है.

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