मुरैना,
मध्य प्रदेश के मुरैना में नगरीय निकाय चुनाव में अंबाह नगर पालिका के दो अलग-अलग वार्डों से सास और बहू एक साथ चुनाव जीती हैं. दोनों ही सास और बहू बीजेपी से प्रत्याशी घोषित की गईं थीं. जनता ने इन्हें पार्षद चुन लिया. दरअसल, अंबाह के वार्ड-13 से बीजेपी ने सरोज कपासिया को प्रत्याशी बनाया था, जबकि अंबाह के ही वार्ड-14 से बीजेपी ने सरोज कपासिया की चचेरी सास बृजेश कपासिया को चुनाव मैदान में उतारा था.
सास और बहू दोनों चुनाव जीतने के बाद एक साथ जीत का प्रमाण पत्र लेने पहुंचीं. वार्ड-14 से जीत दर्ज कराने वाली चचेरी सास बृजेश कपासिया के पति अशोक कपासिया लंबे समय से बीजेपी के कार्यकर्ता हैं. साल 2014 में बीजेपी ने उन्हें अंबाह में नगर मंत्री बनाया था और 2019 में नगर मंडल उपाध्यक्ष का पद दिया गया था. तीन महीने पहले बीजेपी ने उन्हें पिछड़ा वर्ग मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष भी बनाया. जब चुनाव की घोषणा हुई तो बीजेपी ने उनकी पत्नी बृजेश कपासिया को वार्ड-14 से टिकट दे दिया.
बृजेश कपासिया ने वार्ड-14 से जीत दर्ज कराई. 2014 में खुद अशोक कपासिया भी अंबाह में वार्ड-9 से चुनाव लड़े थे, लेकिन 20 वोटों से हार गए थे. बृजेश कपासिया की बहू कांग्रेस पार्टी में थीं. वार्ड-13 से कांग्रेस के पार्षद का टिकट मांग रही थीं, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद सरोज कपासिया ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया और बीजेपी में शामिल हो गईं.
सरोज कपासिया के चाचा जय सिंह गुर्जर बीजेपी में किसान मंडल अध्यक्ष रहे हैं. इसका फायदा सरोज कपासिया को मिला और बीजेपी ने उन्हें वार्ड-13 से प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया. सरोज कपासिया ने भी वार्ड-13 से जीत हासिल की. सास और बहू दोनों ही बीजेपी के टिकट पर दो अलग-अलग वार्ड से चुनाव जीतकर आ गईं.