LuLu Mall में नमाज पढ़ने की घटना थी साजिश? CCTV फुटेज से कई खुलासे

लखनऊ,

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित लुलु मॉल में नमाज के पीछे साजिश का एंगल सामने आ रहा है. दरअसल, लुलु मॉल में उद्घाटन के बाद लड़कों के नमाज पढ़ने के वायरल वीडियो की जांच के दौरान पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं. अभी तक की जांच में पता चला है कि नमाज पढ़ने का वीडियो बनाने के लिए ही युवक आए थे.

लुलु मॉल में लगे सीसीटीवी से कई अहम सुराग मिले हैं. मॉल के गेट से लेकर सड़क पर लगे सीसीटीवी को देखने से लगता है कि लड़के पैदल ही शॉपिंग मॉल के अंदर आए थे. पहले ग्राउंड फ्लोर पर ही नमाज पढ़ने की कोशिश की गई थी. सिक्योरिटी गार्ड ने रोका तो दूसरे फ्लोर के कोने में नमाज पढ़ी गई और वीडियो वायरल किया गया.

वायरल वीडियो में नमाज पढ़ने की दिशा भी गलत बताई गई. नमाज पश्चिम की तरफ मुंह करके पढ़ी जाती है, लेकिन वायरल वीडियो में नमाज गलत दिशा में मुंह करके पढ़ी गई. नमाज पढ़ने वाले युवकों ने माल से कहीं कुछ नहीं खरीदा था. शॉपिंग मॉल में लगे सीसीटीवी और मोबाइल टॉवर डिटेल के सहारे पुलिस लड़कों की शिनाख्त और गिरफ्तारी में जुटी है.

लुलु मॉल के सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, नमाज पढ़ने वाले युवकों ने महज 18 सेकंड में ही नमाज पूरी कर ली, जबकि एक वक्त की नमाज पढ़ने में कम से कम 7 से 8 मिनट का समय लगता है. वीडियो सामने आने के बाद लखनऊ पुलिस को आशंका है कि लुलु मॉल में किसी साजिश के तहत नमाज पढ़ी गई थी.

गौरतलब है कि 10 जुलाई को लुलु मॉल का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. इसके बाद 13 जुलाई को एक वीडियो वायरल होने लगा, जिसमें कई लोग नमाज पढ़ते हुए दिखाई दे रहे थे. इस वीडियो पर हिंदू संगठन भड़क गए और लुलु मॉल के अंदर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पाठ करने की धमकी देने लगे.

पुलिस ने हिंदूवादी संगठनों के कुछ नेताओं को घर पर नजरबंद किया तो कुछ को लुलु मॉल के बाहर से हिरासत में ले लिया. 15 जुलाई को ही एक और वीडियो सामने आया, जिसमें एक शख्स मॉल के अंदर नमाज पढ़ता दिखाई दिया. इस वीडियो के सामने आने के बाद मॉल प्रबंधन भी सामने आया और उसने हर जगह पर धार्मिक कार्य न करने का बोर्ड लगा दिया.

इसके साथ ही लुलु मॉल प्रबंधन ने एक चिट्ठी लिखते हुए कहा, ‘यह दुखद है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व हमारे प्रतिष्ठान को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं. हमारे यहां जितने भी कर्मी हैं, उनमें स्थानीय, प्रदेश और देश से भी हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत से अधिक हिन्दू हैं. शेष में मुस्लिम, ईसाई व अन्य वर्गों के लोग हैं.’

लुलु मॉल प्रबंधन ने लिखा, ‘हमारे प्रतिष्ठान में किसी भी व्यक्ति को धार्मिक गतिविधि संचालित करने की छूट नहीं है. जिन लोगों ने सार्वजनिक स्थान पर प्रार्थना व नमाज पढ़ने की चेष्टा की, उनके खिलाफ मॉल प्रबंधन ने एफआईआर करवाकर कार्रवाई की है. हमारे व्यावसायिक प्रतिष्ठान को निहित स्वार्थ में निशाना न बनाएं.’

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