शिवसेना में नई जान फूंकेंगे उद्धव ठाकरे, अलग-अलग जिलों में 100 से अधिक पदाधिकारियों की नियुक्ति

मुंबई

महाराष्ट्र की राजनीति पिछले एक महीने में पूरी तरह बदल चुकी है। शिवसेना के बागियों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली है। शिवसेना प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के सामने पार्टी के भविष्य को लेकर संकट मंडरा रहा है। पार्टी के संगठनात्मक आधार के पुनर्निर्माण और राज्य में इसकी पकड़ फिर से हासिल करने के लिए उद्धव प्रयासरत हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में 100 से अधिक नए पदाधिकारियों की भर्ती की है।

उद्धव ने मुंबई, पालघर, यवतमाल, अमरावती और दूसरे राज्यों में पदाधिकारियों की भर्ती की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हुए बागी विधायकों और पूर्व पार्षद की बर्खास्तगी और पार्टी से निष्कासन के बाद यह पहली बार है जब उद्धव ठाकरे ने बड़े स्तर पर उप विभाग प्रमुख और शाखा प्रमुख के पदों पर भर्तियां की हैं।

सामना में नई नियुक्तियों की घोषणा
शिवसेना ने रविवार को अपने मुखपत्र सामना के जरिए निर्वाचन क्षेत्रों पर आधारित नई नियुक्तियों की घोषणा की है। सेना के पदाधिकारियों ने बताया कि दूसरे क्रम के नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा रही हैं क्योंकि पार्टी अपने संगठनात्मक आधार का पुनर्निर्माण करना चाहती है।

शिवसेना में पहले संगठन, फिर पक्ष
एक पदाधिकारी ने कहा, ‘शिवसेना दूसरी पार्टियों की तरह नहीं है। यहां पहले संगठन है और फिर पक्ष।’ उन्होंने आगे कहा, ‘शिवसेना की असली संपत्ति शाखाओं और उनके प्रमुखों के ईर्द-गिर्द बनाए गए उसके जमीनी नेटवर्क हैं। हमने पहले से ही दूसरे दर्जे के पदाधिकारियों की पहचान कर ली है जिन्हें पहले नजरअंदाज किया गया था क्योंकि विधायकों ने उनके गृहजनपदों में नियुक्तियों को अपने कंट्रोल में ले लिया था। नई नियुक्तियां चरणबद्ध तरीके से की जा रही है ताकि पार्टी में कोई रिक्तता न हो।’

भावना गवली और संजय राठौड़ के समर्थकों को हटाया
मुंबई में मगाठाणे, बोरिवली और दहिसर निर्वाचन क्षेत्रों में नई नियुक्तियां हुई हैं। एमएलसी सुनील शिंदे को शिर्डी निर्वाचन क्षेत्र का संपर्क प्रमुख बनाया गया है। अमरावती जिले में सुनील खराटे को जिला प्रमुख नियुक्त किया गया। यवतमाल जिले में भी सभी निर्वाचन क्षेत्रों में नई नियुक्तियां हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि यवतमाल सांसद भावना गवली और सांसद संजय राठौड़ के समर्थकों हटा दिया गया है।

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