लगातार 14 ट्वीट में वित्त मंत्री की सफाई, दाल-चावल पर क्यों लगा GST?

नई दिल्ली,

सोमवार 18 जुलाई को सरकार ने पैकेज्ड और लेबलयुक्त दूध, दही, दाल, आटा जैसे रोजमर्रा का सामानों पर 5 फीसदी GST लागू कर दिया. इसके बाद पहले से महंगाई की मार से त्रस्त आम आदमी का खर्च और बढ़ गया. इन उत्पादों पर आखिर जीएसटी क्यों लगाया गया? इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक के बाद एक लगातार 14 ट्वीट कर समझाया है.

GST से मुक्त सामानों की सूची डाली
वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण ने अपने 14 ट्वीट में कुछ जरूरी अनाजों की सूची पोस्ट कर उनसे जीएसटी (GST) हटाए जाने की जानकारी साझा की है. वित्त मंत्री ने लिखा कि इन खाद्य पदार्थों को खुले में बेचने पर उन पर किसी भी तरह का जीएसटी चार्ज नहीं लगेगा. यानी आप अगर इन्हें खुले में खरीदेंगे तो किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसमें दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मकई, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मूढ़ी, दही और लस्सी जैसे सामान शामिल हैं.

वित्त मंत्री ने ट्वीट कर दी सफाई
Sitharaman ने अपने अगले Tweet में कहा कि खाद्य पदार्थों पर कर लगाना नया नहीं है. उन्होंने लिखा, क्या यह पहली बार है, जब इस तरह के खाद्य पदार्थों पर कर लगाया जा रहा है? नहीं, राज्य जीएसटी व्यवस्था शुरू होने से पहले खाद्यान्न से महत्वपूर्ण राजस्व एकत्र कर रहे थे. अकेले पंजाब ने खरीद कर के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की, जबकि उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

फिटमेंट कमेटी ने की थी सिफारिश
वित्त मंत्री ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले कर को ध्यान में रखते हुए, जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5% की जीएसटी दर लागू की गई थी. हालांकि, जल्द ही इस प्रावधान का दुरुपयोग देखने को मिला और धीरे-धीरे इन वस्तुओं से जीएसटी राजस्व में काफी गिरावट आई. सरकार को फिटमेंट कमेटी ने इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी पैकेज्ड और लेबलयुक्त सामानों पर समान रूप से जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया था.

जीएसटी काउंसिल के GoM में ये लोग शामिल
वित्तमंत्री ने बताया कि यह फैसला जीएसटी काउंसिल  के जिस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने लिया है, उनमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश, गोवा और बिहार के सदस्य शामिल थे. इसकी अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री कर रहे थे. वित्तमंत्री ने 14 ट्वीट में कहा कि टैक्स लीकेज को रोकने के लिए यह फैसला बेहद जरूरी था. इस मामले में गहन विचार-विमर्श किया गया और सभी सदस्यों की पूर्ण सहमति के बाद जीएसटी काउंसिल ने इसकी सिफारिश दी.

बिना लेबल के उत्पादों पर GST नहीं
वित्तमंत्री ने ट्वीट में कहा है कि लिस्ट में दिए गए सामान पर किसी भी तरह का जीएसटी नहीं लगेगा, अगर ये बिना पैकिंग या लेबल के बेचे जा रहे हों. अगर इन चीजों को लेबल के साथ बेचा जाता है तो इन पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लागू होगा. उन्होंने कहा कि इन खाद्य पदार्थों पर से जीएसटी हटाने का फैसला किसी एक व्यक्ति ने नहीं, बल्कि पूरे जीएसटी काउंसिल ने एक प्रक्रिया के तहत लिया है.

About bheldn

Check Also

बजट में सरकार ने किया था दावा, कितना दम? इस लिस्ट में भारत 13वें नंबर पर मौजूद

नई दिल्ली, इस बार बजट भाषण की शुरुआत में वित्त मंत्री ने भारत को दुनिया …