बांदा में महिला ने फर्जी पति के सहारे पीएम आवास के 2 लाख निकाले, ठगी के लिए बदलती रहती है पतियों के नाम

बांदा

फर्जी पतियों का नाम इस्तेमाल कर एक महिला कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुकी है। इसी महिला ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) से दो लाख रुपये निकाल कर हड़प लिए हैं। जांच हुई तो न सिर्फ यह महिला जालसाज निकली, बल्कि इसने लोगों को ठगने और सरकारी धन हड़पने के नीयत से कई बार अपने नाम के साथ पति के नाम बदले हैं। अब डूडा विभाग इस महिला से हड़पे गए दो लाख रुपये की रिकवरी करेगा।

पीएम आवास योजना में 2 लाख निकाले
यह मामला उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा का है। शहर कोतवाली क्षेत्र के गायत्री नगर चमरौडी में रहने वाली आशा नाम की इस महिला ने नरैनी तहसील में फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया। इसे अगस्त 2019 में प्रथम किस्त 50,000 दी गई और उसी वर्ष दिसंबर में डेढ़ लाख रुपये की एक और किस्त उसके खाते में ट्रांसफर की गई। इस बीच इस महिला के खिलाफ शिकायतें आना शुरू हुईं, जिसमें उसे एक जालसाज महिला बताया गया। इसलिए विभाग ने अंतिम किस्त जारी करने से पहले तहसील द्वारा महिला के बारे में जांच कराई। जांच में पाया गया कि यह महिला वास्तव में फ्रॉड है। इसने फर्जी पति के नाम का इस्तेमाल कर सरकारी धन निकाल लिया है। इस बात की पुष्टि करते हुए जिला नगरीय विकास अभिकरण के अधिकारी आरके जैन ने बताया कि इस महिला से धन की रिकवरी की जाएगी। इसके लिए उसे नोटिस दी गई थी, लेकिन उसने नोटिस रिसीव नहीं की है। अब राजस्व विभाग के जरिए से वसूली की जाएगी।

राजकुमार धुरिया ने कहा मै पति नही हूं
दूसरी ओर इस योजना का लाभ लेने के लिए इस महिला ने पति का नाम राजकुमार धुरिया का इस्तेमाल किया। इस बारे में राजकुमार धुरिया ने शपथ पत्र देकर बताया कि मैं उसका पति नहीं हूं। इसने मेरे नाम का गलत इस्तेमाल कर अधिकारियों को भ्रमित किया है। इसी तरह यह महिला कई अन्य लोगों को फर्जी पति का नाम इस्तेमाल कर ठगी का शिकार बना चुकी है। गायत्री नगर मोहल्ले के बच्ची लाल कुशवाहा ने 2019 में इस महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें इसके के पति का नाम लवलेश कुशवाहा दर्ज है। इसी तरह कई अन्य मामलों में इसने अपने पति का नाम राजकुमार जमादार लिखाया है। राजकुमार धुरिया ने इस मामले में पुलिस से महिला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

पिता ने भी बेटी को बताया फ्रॉड
शहर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले भोला प्रसाद पुत्र स्व. छोटा ने उच्च अधिकारियों को भेजे शपथ पत्र में अपनी बेटी आशा को ब्लैकमेलर बताया है। उसने कहा कि इसके कारनामों से तंग आकर मैंने अपनी बेटी से सारे रिश्ते नाते खत्म कर लिए हैं। पिता के मुताबिक, उसने अनुसूचित जाति अधिनियम की आड़ में कई लोगों को अपनी जाल में फंसाया है और उनसे मोटी रकम वसूल की है।

सास-ससुर ने घर से भगाया
जालसाज महिला का असली पति कमलेश कुमार पुत्र रतीराम निवासी ग्राम अमारा थाना जसपुरा जिला बांदा है। इस व्यक्ति ने भी जिला मजिस्ट्रेट को शपथ पत्र देकर बताया है कि आशा से मेरा विवाह 16 फरवरी 2003 में हुआ था। विवाह शहर के परशुराम तालाब मोहल्ले में संपन्न हुआ था। विवाह के बाद मैं अपनी पत्नी आशा पुत्री भोला को लेकर अपने ग्राम अमारा थाना जसपुरा आ गया था। कुछ दिन गांव में रहने के बाद काम की तलाश में बांदा आया और 2004 में रोडवेज में ड्यूटी करने लगा। इस दौरान पत्नी का चाल चलन ठीक नहीं रहा। कुछ दिनों बाद मैं अपनी पत्नी को लेकर कानपुर आ गया। यहां भी उसका रवैया ठीक नहीं रहा, जिससे मैंने भी अपनी पत्नी से दूरी बना ली। पत्नी की तमाम अनैतिक हरकतों के कारण मेरे माता-पिता ने भी उसे घर में नहीं रखा। अब यह महिला गायत्री नगर में लवलेश कुशवाहा की पत्नी के नाम से जानी जाती है। लवलेश कुशवाहा कौन है, इसका पता तो नहीं चल पाया, लेकिन इस समय राजकुमार धुरिया का नाम इस्तेमाल कर महिला ठगी कर रही है। राजकुमार ने शपथ पत्र देकर इस बात का खुलासा कर दिया है कि वह उसका पति नहीं है। फिलहाल यह महिला गायब है। डूडा विभाग रिकवरी के लिए हाथ पैर मार रहा है।

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