बीजिंग
भारत के साथ लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच चीन ने भूटान के दक्षिणी-पश्चिमी सीमा पर अपने अतिक्रमण को और ज्यादा तेज कर दिया है। ताजा सैटलाइट तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि चीन की ओर से भारतीय सेना के साथ टकराव वाले डोकलाम पठार से 9 किमी पूर्व में एक गांव को पूरी तरह से बसा दिया गया है। यही नहीं इस गांव में अब पूरी तरह से लोग रह रहे हैं और गाड़ियां भी वहां पर खड़ी देखी गई हैं। इस खुलासे के बाद रक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों की मदद से भारत के चिकन नेक कहे जाने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर वार के लिए तैयारी कर रहा है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस गांव को पांगडा बुलाता है और यह भूटान की जमीन में स्थित है। इस बीच रक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि चीन भूटान के दक्षिणी-पश्चिमी सीमा में अतिक्रमण को बढ़ा रहा है। उसका लक्ष्य भारत के ‘चिकन नेक’ को अपने लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों के दायरे में लाना है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के साथ पूर्वी मोर्चे पर भी ध्यान देने की जरूरत है। दरअसल, पश्चिम बंगाल को पूर्वोत्तर भारत से जोड़ने वाले बेहद संकरे सिलिगुड़ी कॉरिडोर को भारत का चिकन नेक कहा जाता है।
चीनी सेना ने नए रॉकेट सिस्टम का परीक्षण किया
भारत का यह इलाका मात्र 20 से 22 किलोमीटर ही चौड़ा है। भारत के 7 राज्यों को जोड़ने वाले इस हिस्से भूराजनीतिक और भूआर्थिक रूप से बेहद अहम माना जाता है। यही वजह है कि भारत ने साल 2017 में चीनी सेना को डोकलाम तक सड़क बनाने से रोक दिया था। अब चीन भूटान के रास्ते से डोकलाम के पास अपना गांव बसा चुका है। इस बीच चीन ने 16वें दौर की वार्ता विफल होने के बाद चीन ने लद्दाख के पास अपनी सैन्य गतिविधि को बढ़ा दिया है।
एक तरफ चीनी फाइटर जेट जहां भारतीय सीमा के पास उड़ रहे हैं, वहीं पीएलए ने पैंगोंग झील के पास अभ्यास किया है। चीनी सेना के अखबार पीएलए डेली ने सोमवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें पश्चिमी थिएटर कमांड की ओर से किए गए हवाई अभ्यास के बारे में बताया गया है। चीनी वायुसेना की यही कमान भारत के साथ लगती सीमा पर सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। माना जा रहा है कि यह चीन की ओर से दबाव बनाने की कोशिश है। यही नहीं चीनी सेना ने नए रॉकेट सिस्टम का भी परीक्षण किया है जो ज्यादा लंबी दूरी तक मार सकती है। इसका नाम PCL191 है। इसे भारतीय सीमा के पास हिमालयी इलाके में और ताइवान के पास तैनात करने की तैयारी है।