उदयपुर हत्याकांड: कन्हैयालाल के दोनों बेटों को मिली सरकारी नौकरी

उदयपुर

राजस्थान केउदयपुर शहर की मालदास स्ट्रीट में 28 जून को हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार को संबंल देने वाली घोषणाओं को सरकार ने शुक्रवार को अमली जामा पहनाया। कन्हैयालाल के दोनों बेटों को गहलोत सरकार ने सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। शुक्रवार को दोनों बेटों ने जिला कोष कार्यालय में विधिवत रूप से कोषाधिकारी के पद पर ग्रहण किया। कन्हैयालाल के बड़े बेटे यश का कनिष्ठ सहायक कोषाधिकारी ग्रामीण और छोटे बेटे तरूण का कनिष्ठ सहायक कोषाधिकारी शहर के रूप में पदस्थापन दिया गया है। इससे पहले दोनों बेटों को मां ने घर से तिलक लगाकर और मुंह मीठा करवाकर विदा किया गया। इस दौरान दोनाें को मां ने ईमानदारी से कार्य करने की सीख दी। मां ने कहा कि ‘सरकारी नौकरी उन्हें उनके पिता की मौत पर मिली है इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखना कि किसी प्रकार का कोई गलत नहीं हो। अन्यथा उनके पिता की आत्मा को दुख होगा।’

नौकरी पर जाने से पहले पिता की तस्वीर को किया नमन
मृतक कन्हैयालाल के दोनाें बेटों ने उदयपुर की जिला कलेक्ट्री में स्थित कोष कार्यालय पहुंचकर सबसे पहले अपने पिता की तस्वीर के सामने नमन करते हुए उनसे आशीर्वाद लिया। और उसके बाद पद ग्रहण किया। कन्हैयालाल के दोनों बेटे ने गहलोत सरकार की ओर से दी गई नौकरी के लिए सरकार का आभार जताया। साथ ही यह भी कहा कि पिता की हत्या के मामले में एनआईए की ओर से जो जांच की जा रही है, उससे वे पूरी तरह संतुष्ट हैं। लेकिन पूरे परिवार के सदस्यों को केवल इस बात का इंतजार है कि दोनों हत्यारों को कब तक फांसी की सजा होती है। फांसी की सजा के बाद ही उनके पिता की आत्मा को शांति मिलेगी।

पदग्रहण के दौरान परिवार सहित समाज के लोग रहे मौजूद
कन्हैयालाल साहू के दोनों बेटों के कोष कार्यालय में पदग्रहण के दौरान उनके परिजनों के साथ तैली समाज के लोग भी मौजूद रहे। समाज के लोगों ने दोनों को पदग्रहण करवाने के बाद राज्य सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया। समाज के मौतबीरों ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी घोषणा पूरी की लेकिन कन्हैयालाल के हत्यारों को फांसी हो इसके लिए कड़े कदम उठाने होगें।

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