उपराष्ट्रपति चुनाव: कांग्रेस को दिखने लगा टूटता विपक्ष! TMC के फैसले पर करेगी मंथन

नई दिल्ली

उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बना चुकी तृणमूल कांग्रेस के फैसले पर कांग्रेस हैरान है। पार्टी का कहना है कि इसकी वजह का पता लगाया जाएगा। खास बात है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल के इस कदम को विपक्षी एकता के लिए झटके के तौर पर भी देखा जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में भी 100 से ज्यादा विधायकों की तरफ से क्रॉस वोटिंग की खबरें सामने आई हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि विपक्ष एकजुट होकर काम करे। हम टीएमसी की तरफ से लिए इस फैसले का कारण पता लगाने की कोशिश करेंगे।’ इस दौरान राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने वाली NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को भी शुभकामनाएं दी हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘महिला राष्ट्रपति का स्वागत करते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह संविधान और लोकतंत्र का सम्मान करेंगी क्योंकि यही उन्हें इस पद तक लेकर आया है। हम उन्हें सफल होने की शुभकामनाएं देते हैं।’ गुरुवार को हुई पूरी हुई मतगणना में मुर्मू ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मात देकर जीत हासिल की है। वह 25 अगस्त को शीर्ष पद की शपथ लेंगी।

TMC ने क्यों बनाई उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर हुई बैठक के बाद टीएमसी ने चुनाव में वोट नहीं देने का फैसला किया था। इसकी जानकारी टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दी थी। उन्होंने कहा था, ‘जिस तरह से विपक्षी उम्मीदवार (मार्गरेट अल्वा) को बगैर दोनों सदनों में 35 सांसदों वाली पार्टी के साथ विचार विमर्श के चुना गया है, इसके चलते हमने मतदान प्रक्रिया से दूर रहने का फैसला सर्वसम्मति से लिया है।’

उन्होंने बताया कि करीब 85 फीसदी सांसदों ने पार्टी प्रमुख बनर्जी से चुनाव प्रक्रिया से दूरी बनाने की अपील की थी। उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया है। जबकि, NDA की तरफ से पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ मैदान में हैं।

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