लखनऊ
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर और अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को करारा जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैंडल के जरिए डेढ़ लाइन का संदेश दे दिया कि जहां सम्मान मिले, जहां चाहें वहां चले जाएं। इस पर पलटवार करते हुए सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि ‘तलाक कबूल है।’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि अगला सियासी ‘निकाह’ किससे करेंगे? मीडिया के बार-बार पूछने के बाद भी राजभर ने अपने अगले कदम के बारे में पत्ते नहीं खोले।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के फैसले का हम सम्मान करते हैं। तलाक कबूल है। उन्होंने चेतावनी के लहजे में यह भी कहा कि 2024 का चुनाव आने दीजिए। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि जो लोग बूथ नहीं जीत सकते वे अखिलेश यादव नवरत्न हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश के साथ मैं दलितों, वंचितों और समाज में अतिपिछड़ों की लड़ाई लड़ने गया था लेकिन चुनाव में उन्होंने जैसा किया, जब पहले चरण का चुनाव हुआ तभी मैंने कहा कि अति पिछड़ों को टिकट दें। कश्यप, पाल, प्रजापति, नाई, गोंड, कुम्हार, कोहार, लोहार, धोबी, पासी, खटीक जैसी जातियों के नेताओं को टिकट दीजिए लेकिन हमारी बात उनको नहीं जमती थी।
आजादी के 75 साल से जो जातियां ठगी गईं, उन जातियों ने वोट तो दिया लेकिन उनको हिस्सा नहीं मिला। हम उनके लिए लड़ते रहे। अखिलेश यादव को इस बात का बुरा लगता रहा।
ओमप्रकाश राजभर ने आरोप लगाया कि अखिलेश चाहते थे कि मैं उनके सुर में सुर मिलाकर बात करूं। वो जो कहें वही बोलूं लेकिन ओमप्रकाश राजभर किसी के सुर में सुर मिलाकर बोलने के लिए पार्टी नहीं बनाया है। हम जिनके लिए लड़ते हैं। उनके लिए बोलते रहते हैं। आज भी मैं कह रहा हूं। 2022 के चुनाव में हमने देखा कि सपा के पास कश्यप, राजभर जैसी जातियों को देने के लिए नहीं है इसलिए अखिलेश यादव ने आज जो किया हम उसका स्वागत करते हैं।
हम यदि सीएम योगी से किसी समस्या के लिए मिलें तो वो बहुत बड़ा गुनाह है। अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव मिलें तो बहुत अच्छा है? दूध का दूध, पानी का पानी सामने आएगा कि कौन क्या कर रहा है। 2024 का चुनाव आते-आते फाइनल हो जाएगा।