बीजिंग
लद्दाख में चीनी दादागिरी के खिलाफ चट्टान की तरह से डटी भारतीय सेना के दांव से ड्रैगन की सेना बौखला गई है। चीनी सेना पीएलए ने अब भारत के खिलाफ दबाव बढ़ाने के लिए ताइवान वाली चाल चलनी शुरू कर दी है। चीन ने पिछले कुछ समय से खतरनाक तरीके से एलएसी पर अपने लड़ाकू विमानों को भेजना शुरू कर दिया है। हालत यह है कि एक बार तो चीनी लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में भारतीय सैनिकों की चौकियों के ऊपर से गुजरा, वह भी तब जब एलएसी के 10 किमी के इलाके में नो फ्लाई जोन है। ड्रैगन की इस खतरनाक चाल का जवाब देने के लिए भारत अब चीन की सीमा पर S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती करने जा जा रहा है। आइए समझते हैं भारतीय इलाके में फाइटर जेट भेजने के पीछे क्या है चीन की रणनीति….
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन भारतीय हवाई रक्षा तंत्र की परख करने के लिए अपने फाइटर जेट को भारतीय इलाके में भेज रहा है। रक्षा विशेषज्ञ पूर्व विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत में कहा कि चीन यह जानना चाहता है कि भारत उसके फाइटर जेट को किस तरह से जवाब देता है। उन्होंने कहा कि चीन यह भी जानना चाहता है कि भारत के प्रतिक्रिया देने में कितना समय लगता है। बताया जा रहा है कि पिछले 3 से 4 सप्ताह में चीन की ओर से फाइटर जेट भेजे जाने की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। इससे पहले दोनों देशों के बीच बातचीत का ताजा दौर हुआ जिसमें भारत अपने रुख पर अड़ा रहा। इससे बौखलाए चीन ने अब ताइवान की तरह से भारतीय इलाके में फाइटर जेट भेजना शुरू कर दिया है।
एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम लगाए जाने के बाद बदली रणनीति
प्रफुल्ल बख्शी ने कहा, ‘चीन जिस तरह से जापान और ताइवान के खिलाफ करता है, ठीक वही रणनीति अब वह भारत के खिलाफ डोकलाम और लद्दाख में अपनाने लगा है। चीन ने भारत के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम लगाए जाने के बाद अब यह रणनीति अपनानी शुरू की है। वह भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को चेक कर रहा है। वह जानना चाहता है कि यह कितना अलर्ट है और उनके फाइटर जेट कितनी देर में उड़ते हैं। चीन भारतीय रेडॉर की फ्रिक्वेंसी को जानने की भी चेक करता है। चीन के इलेक्ट्रोनिक जासूसी से लैस विमान भी साथ में उड़ते हैं। इससे उनको आपकी राय और आपके ऐक्शन के बारे में चीन को पता लग जाता है। वह देखता है कि दुश्मन सक्रिय है या सोया हुआ है। चीन की रणनीति है कि वह भारत, जापान और ताइवान को बार-बार घुसपैठ करके थका दे। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को देखने वाले थक जाएं।’
रक्षा विशेषज्ञ बख्शी ने कहा कि चीन अब यह लगातार करेगा और भारत को इसके लिए तैयार रहना होगा। चीन जापान और ताइवान के खिलाफ यह बहुत ज्यादा करता रहा है। चीन के पास फाइटर जेट, पायलट ज्यादा हैं, इसलिए वह ऐसा कर पाता है। उन्होंने कहा कि इसलिए यह जरूरी है कि भारतीय वायुसेना के पास पर्याप्त अधिकारी होना जरूरी है। चीन यह जानना चाहता है कि भारत के एस-400 की ताकत और उसे कहां पर लगाया गया है, उसके बारे में जानकारी हासिल करना चाहता है। चीन ने हमारे 48 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है। हमें अपनी रणनीति को आक्रामक बनाने की जरूरत है। हमारी बाद में जवाबी कार्रवाई करने की नीति का चीन फायदा उठा रहा है। हमें इसे तत्काल बदलने की जरूरत है।’
पूर्वी लद्दाख के पास हवाई ताकत बढ़ा रहा चीन, तैयार कर रहा है लड़ाकू विमानों का नया बेस
भारत ने राफेल जेट के साथ चीन सीमा पर किया अभ्यास
वहीं अन्य रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चीन भारत के एयर डिफेंस का एक नक्शा बनाना चाहता है। साथ भारतीय संसाधनों और भारतीय सैनिकों के मनोबल का आकलन करना चाहता है। उन्होंने कहा कि अगर चीनी विमान एलएसी को पार करते हैं तो उन्हें मार गिराने का भारत को पूरा अधिकार है। चीन की इस चाल पर भारतीय वायुसेना ने करारा जवाब दिया है और इस इलाके में चीन के कम ऊंचाई और अधिक ऊंचाई पर फ्लाइट पैटर्न की निगरानी तेज कर दी है। यही नहीं भारत ने लद्दाख में अपने सैन्य आधारभूत ढांचे को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि अब चीन ने 24 जून के बाद से अपने विमानों को भारतीय सीमा के पास भेजना तेज कर दिया है। भारत ने हाल ही में चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए पश्चिमोत्तर सीमा पर एस-400 सिस्टम को तैनात किया था। यही नहीं भारत ने हाल ही में अपने सबसे आधुनिक राफेल फाइटर जेट के साथ पूर्वी लद्दाख में व्यापक हवाई अभ्यास किया है।