दिल्ली नहीं केंद्र सरकार के अस्पताल में हो सत्येंद्र जैन का इलाज, ED ने हाई कोर्ट में बताया क्यों

नई दिल्ली

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की चिकित्सा जांच सरकारी लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल के बजाए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), राम मनोहर लोहिया (RML) या सफदरजंग अस्पताल में कराई जाए। जैन वर्तमान में एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं। याचिका मंगलवार को न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गयी, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हो सकी।

ईडी ने जैन को एम्स, आरएमएल अथवा सफदरजंग अस्पताल ट्रांसफर करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनके स्वास्थ्य का स्वतंत्र मूल्यांकन जरूरी है क्योंकि गिरफ्तार किए जाने से पहले उनके पास दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री का प्रभार था। जांच एजेंसी ने दावा किया कि 27 जून को मामले के जांच अधिकारी (आईओ) एलएनजेपी अस्पताल गए थे तो उन्होंने पाया कि जैन मरीज के बिस्तर पर सो रहे थे, लेकिन उनके हाथ में कोई कैनुला नहीं थी।

साथ ही मरीज के स्वास्थ्य की निगरानी करने वाली मशीन भी बंद थी। एजेंसी ने कहा कि किसी भी चिकित्सकीय मशीन से उनकी जांच नहीं की जा रही थी और उनकी पत्नी भी कमरे में मौजूद थीं। ED की ओर से कहा गया कि जब आईओ कमरे में पहुंचे तो वादी ने तत्काल ऑक्सीजन मास्क लगा लिया।

एक अर्जी (निचली अदालत के समक्ष) दाखिल की गई और उनके स्वास्थ्य का स्वतंत्र मूल्यांकन कराने के लिए उन्हें दिल्ली के आरएमएल अथवा एम्स में भर्ती कराने का अनुरोध किया गया। एजेंसी ने कहा कि निचली अदालत ने याचिका खाारिज कर दी। ईडी ने निचली अदालत के छह जुलाई और 19 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है।

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