MP के उस गांव में कैसे हैं हालात, जहां दलित छात्रा के स्कूल जाने पर हुई मारपीट?

शाजापुर,

मध्य प्रदेश के शाजापुर में एक दलित लड़की 16 साल की लक्ष्मी मेवाड़े को स्कूल जाने से रोके जाने के मामले में पुलिस एक्शन मोड में है तो वहीं सियासत भी ऑन हो गई है. पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. इस घटना को समझने के लिए सबसे पहले ये जरूरी है कि हम उस गांव की, उस इलाके की पृष्ठभूमि को समझें जहां ये घटना हुई है.

बावलियाखेड़ी गांव शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर है. इस गांव में केवल प्राइमरी स्कूल है जहां 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. मतलब आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को दूसरे गांव का रुख करना पड़ता है. 5वीं तक की पढ़ाई गांव में ही करने के बाद बावलियाखेड़ी गांव के बच्चे आगे की पढ़ाई के लिए सतगांव जाते हैं जहां की आबादी 700 के करीब है. ये ठाकुर बाहुल्य गांव है.

अब आरोप ये है कि छात्रा जब सतगांव के स्कूल गई थी, दबंगों ने उसका बस्ता छीन लिया और उसके भाई के साथ भी मारपीट की. आरोप है कि दबंग कह रहे थे कि यहां लड़कियां स्कूल नहीं जातीं. आजतक जब सतगांव पहुंचा, गांव में सन्नाटा पसरा था. कुछ लोगों ने तो ये भी दावा किया कि छात्रा स्कूल जाती ही नहीं है. दावा तो ये भी किया गया कि छात्रा 10वीं पास कर चुकी है और अगर उसकी ये बात मान भी लेते हैं कि वो 10वीं की पढ़ाई कर रही है तो उसनें 9वीं की पढ़ाई कैसे कर ली.

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