बर्मिंघम
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू को राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह के लिये बुधवार को भारतीय दल का ध्वजवाहक बनाया गया है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘सिंधू को उद्घाटन समारोह के लिये भारतीय टीम का ध्वजवाहक बनाया गया है। ’ गुरूवार से शुरू होने वाले कॉमनवेल्थ गेम उद्घाटन समारोह में कुल 164 एथलीट हिस्सा लेंगे।
पूर्व विश्व चैम्पियन सिंधू बर्मिंघम में महिला एकल स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदारों में से एक हैं। उन्होंने गोल्ड कोस्ट और ग्लास्गो में पिछले दो चरण में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते थे। सिंधू गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भी ध्वजवाहक थीं। इससे पहले जेवलिन थ्रो प्लेयर नीरज चोपड़ा को ध्वजवाहक बनना था मगर इंजरी के कारण वो इस टूर्नामेंट में भाग नहीं ले रहे हैं।
चोटिल हैं नीरज चोपड़ा
ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के गुरुवार को होने वाले उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक नहीं रहेंगे। भाला फेंक का यह एथलीट हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के अभियान के दौरान चोटिल हो गया था। बर्मिंघम में ध्वजवाहक न बन पाने के कारण नीरज चोपड़ा को भी निराशा हुई है। यह 24 वर्षीय सुपरस्टार बर्मिंघम में अपने खिताब का बचाव करने के लिए पूरी तरह तैयार था, लेकिन एमआरआई स्कैन में मामूली चोट का पता चलने के बाद उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों से नाम वापस ले लिया था।
ध्वजवाहक न बन पाने का अफसोस-चोपड़ा
चोपड़ा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कहा, ‘मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं बर्मिंघम में देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाऊंगा। मुझे विशेषकर उद्घाटन समारोह में भारतीय टीम का ध्वजवाहक बनने का मौका गंवाने से निराशा है।’ उन्होंने कहा, ‘फिलहाल मेरा पूरा ध्यान अपने रिहैबिलिटेशन पर होगा और मैं जल्द से जल्द दोबारा मैदान पर आने की कोशिश करूंगा।’ चोपड़ा के बाहर होने से एथलेटिक्स में भारत की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। पिछली बार के चैंपियन चोपड़ा को पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।