IAS की फैक्ट्री कहा जाता था प्रयागराज, छात्र राजनीति में भी अव्वल.. ये कैसे स्टूडेंट जो शहर में बम फेंक रहे

प्रयागराज

आईएएस-पीसीएस की फैक्ट्री के नाम से अपनी पहचान रखने वाले प्रयागराज के स्कूली बच्चों का बमबाजी की घटनाओं में लिप्त होना हैरान करने वाला है। प्रयागराज पुलिस ने दावा किया कि पिछले तीन महीनों में प्रयागराज शहर के विभिन्न हिस्सों में हुए सात रहस्यमय बम हमलों में शामिल छह और छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुसार, उन्होंने अब तक 35 छात्रों को हिरासत में लिया है जिनमें 27 नाबालिग हैं। पुलिस ने बताया कि ये सभी शहर के चार प्रतिष्ठित स्कूलों से हैं। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि इनमें से 8 बच्चे 18 साल से ऊपर के हैं।

पुलिस ने कहा कि अब हम अन्य छह छात्रों की तलाश कर रहे हैं, जिनके नाम 35 हिरासत में लिए गए छात्रों की पूछताछ के दौरान सामने आए, और हमने सीसीटीवी में उनकी गतिविधियों को संदिग्ध पाया है।

पुलिस के मुताबिक हमने सभी छात्रों के अभिभावक को अपने बच्चों को लेकर सतर्कता बरतने को कहा था, लेकिन इसके बाद भी हमें कार्रवाई करनी पड़ी क्योंकि कई दौर की काउंसलिंग और सख्त चेतावनी के बावजूद वे आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे। पुलिस ने बताया कि ये बमबाजी छात्रों के दो ग्रुपों जिनके नाम ‘इम्मोर्टल्स’ और ‘तांडव’ हैं के कथित वर्चस्व की जंग के चलते हुई।

पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान यह सामने आया कि इन छात्रों ने कोविद -19 महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सेल फोन मिलने और सोशल मीडिया पर वीडियो देखने के बाद समूह बनाए। इसके बाद इन समूहों ने धीरे-धीरे वर्चस्व की लड़ाई में प्रवेश किया और उनमें से कई ने इंटरनेट के माध्यम से कच्चे बम बनाना सीख लिया।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक शहर के दो स्कूलों के प्रधानाचार्यों से बातचीत के दौरान एक स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा, ‘अगर पुलिस हमें आपराधिक गतिविधियों में शामिल छात्रों की सूची उपलब्ध कराती है और उनके खिलाफ सबूत देती है, तो हम निश्चित रूप से ऐसे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और उन्हें स्कूल से निकाल भी देंगे।’ वहीं हिरासत में लिए गए छात्र के अभिभावक अधिकारियों और स्कूल के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने पुलिस पर उनके बच्चों को फंसाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि पुलिस ने उन्हें उनके बच्चों की आपराधिक गतिविधियों के बारे में सचेत किया था। हिरासत में लिए गए छात्रों में से एक की मां ने कहा कि ‘पुलिस ने हमें कभी नहीं बताया कि हमारा बेटा आपराधिक गतिविधियों में शामिल था। अगर उन्होंने हमें सूचित किया होता, तो हम निश्चित रूप से मेरे बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखते।’

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