ब्रिटेन का पीएम बनने का अब सुनक का चांस कम, लिज ट्रस बनीं ब्रिटेन की पीएम तो क्या-क्या करेंगी

लंदन

ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इस पर सस्‍पेंस बरकरार है। मुकाबला पूर्व विदेश मंत्री लिज ट्रूस और वित्‍त मंत्री ऋषि सुनक के बीच है। अभी तक हर कोई मान रहा था कि भारतीय मूल इस देश के अगले पीएम हो सकते हैं। लेकिन कई तरह के सर्वे और पोल के नतीजों के बाद तो सुनक की उम्‍मीदें टूटती नजर आ रही हैं। इस समय हर सर्वे में ट्रूस आगे चल रही हैं। माना जा रहा है कि ट्रूस देश की पीएम होंगी इस बात की संभावनाएं 90 फीसदी तक बढ़ गई हैं। वहीं वो अब बुकीज की भी फेवरिट हो गई हैं। 5 सितंबर को कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और देश के अगले पीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा। हालांकि ट्रूस कई वजहों से आलोचकों के निशाने पर हैं। ट्रूस ने कई ऐसी बातों का वादा किया है और कहा है कि अगर वो प्रधानमंत्री बनती हैं तो अपने हर वादे को पूरा करेंगी।

ट्रूस का टैक्‍स कट का वादा
यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग की वजह से पूरी दुनिया में महंगाई की मार है। ब्रिटेन भी इससे अछूता नहीं है। कई तरह की अनिश्चितताओं के बीच पीएम बनने के ट्रूस के मौके 90 फीसदी तक बढ़ गए हैं। वो हर सर्वे और पोल की फेवरिट हो गई हैं। हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो टीवी बहस में जिस तरह से ट्रूस का प्रदर्शन है, वो उनके पीएम बनने की संभावनाओं को कमजोर करने वाला है। लीड्स में द हस्टिंग्‍स की तरफ से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था।

ट्रूस या सुनक जो भी देश का अगला पीएम बनेगा उसके सामने महंगाई के अलावा चीन के साथ खराब होते रिश्‍तों के साथ ही टैक्‍स का मुद्दा सबसे बड़ा होगा। ब्रिटेन इन दिनों 9.4 फीसदी वाली महंगाई दर से गुजर रहा है। ट्रूस ने वादा किया है कि वो पीएम बनने के बाद सबसे पहले टैक्‍स में कटौती करेंगी। उन्‍होंने जनता से वादा किया है कि वो इनकम टैक्‍स में 1.25 फीसदी तक की कटौती करेंगी। साथ ही उन्‍होंने कॉरपोरेशन टैक्‍स में इजाफे को वापस लेने का भी वादा किया है। ट्रूस का मानना है कि संकट के दौर में करों में इजाफा करना नैतिक रूप से गलत है।

चीन के खिलाफ नीति
ट्रूस ने इसके साथ ही एनर्जी बिल पर मिलने वाली ‘ग्रीन लेवी’ को खत्‍म करने की बात कही है। ये छूट रिन्‍यूबल एनर्जी प्रोजेक्‍ट्स पर मिलती है। लिज ट्रूस ने चीन पर कड़ा रुख अख्तियार करने की बात कही है। उनका कहना है कि चीन के राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव को खत्‍म करने के लिए वो एक खास नेटवर्क को तैयार करेंगी। साथ ही यूके में चीनी निवेश और न्‍यूक्लियर प्‍लांट जैसे इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट्स का भी उन्‍होंने विरोध किया है। हालांकि रूस और यूक्रेन के लिए सुनक और ट्रूस की नीति एक सी है। दोनों ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरफ यूक्रेन को दी गई 4 बिलियन पौंड की मदद का समर्थन किया है। इसके अलावा दोनों नेता रक्षा पर जीडीपी का 2 फीसदी तक खर्चा करने के लिए तैयार हैं।

About bheldn

Check Also

‘मर्जी से दुकान के बाहर नाम लिखने से नहीं रोका, बस किसी को मजबूर नहीं कर सकते’ नेमप्लेट विवाद पर SC ने कहा

नई दिल्ली, कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों और भोजनालयों के लिए नेमप्लेट विवाद पर शुक्रवार …