कोलकाता
पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो कल पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री बन सकते हैं। ममता सरकार बुधवार को अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने जा रही है। ऐसे में ‘युवा’ कैबिनेट बनाने पर जोर दे रहीं सीएम ममता बाबुल सुप्रियो को अहम प्रभार दे सकती हैं। बता दें कि बाबुल सुप्रियो ने पिछले साल भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा था। 2021 के विधानसभा चुनावों में अपनी हार के बाद, सुप्रियो ने घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ देंगे और लोकसभा सांसद के रूप में भी इस्तीफा दे देंगे। हालांकि 18 सितंबर 2021 को वह अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बाबुल सुप्रियो के अलावा, स्नेहाशीष चक्रवर्ती, पार्थ भौमिक, उदयन गुहा और प्रदीप मजूमदार को भी कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा टीएमसी के जिला नेताओं में बिप्लब रॉय चौधरी, ताजमुल हुसैन और सत्यजीत बर्मन को राज्य मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। पहले से ही मंत्रालय में रहने वालों में, MoS बीरबाहा हांसदा को स्वतंत्र प्रभार मिल सकता है।
बाबुल सुप्रियो दिग्गज नेता और मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद खाली हुई बालीगंज विधानसभा सीट से टीएमसी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, ममता कथित तौर पर उस समय मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर उत्सुक नहीं थीं। नए मंत्रियों पर टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘ममता बनर्जी एक युवा कैबिनेट चाहती थीं। इसलिए पार्टी के युवा चेहरों जैसे सुप्रियो, भौमिक, चक्रवर्ती को शामिल किया जा सकता है।”
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी नेता ने कहा, “हमारे दूसरे कमान और अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी नए मंत्रिमंडल में युवा चेहरों को लाना चाहते हैं, और इसे लागू किया जाएगा। वह बाबुल सुप्रियो, पार्थ भौमिक जैसे नेताओं को भी सामने लाना चाहते थे।” टीएमसी पर अक्सर आरोप लगता रहा है कि 11 साल लंबी सरकार का मंत्रालय कोलकाता केंद्रित रहा है। इस आरोप को काउंटर करने के लिए जिला स्तर के नेताओं को मंत्रिमंडल में चुना जाएगा।
इसके अलावा मौजू दा मंत्रियों मेंविभागों में फेरबदल की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों मलय घटक और मानस भुनिया को अधिक जिम्मेदारी मिल सकती है। जबकि फिरहाद हकीम और चंद्रिमा भट्टाचार्य के विभागों को कम किया जा सकता है। सौमेन महापात्रा जिला इकाई के अध्यक्ष बन गए थे और इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है।