नई दिल्ली
लोकसभा में चर्चा के बाद आज महंगाई पर चर्चा हुई। चर्चा में जहां विपक्ष ने रोजमर्रा के जरूरी सामान की बढ़ती कीमतों, पेट्रोल-डीजल के साथ ही खुदरा महंगाई दर को लेकर सरकार को घेरा। विपक्ष की तरफ से शक्ति सिंह गोहिल, ई करीम और डेरेक ओ’ब्रायन ने सरकार पर निशाना साधा। महंगाई की जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद गोहिल ने रावण और कंस के साथ ही अंग्रेजों का भी जिक्र किया। वहीं सरकार की तरफ से प्रकाश जावड़ेकर महंगाई का बचाव किया। जावड़ेकर ने महंगाई को बढ़ती आय के समानुपात में देखने की बात कही। इसके साथ ही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र कर बढ़ती कीमतों का बचाव किया।
संजय सिंह : सिलेंडर से लेकर बच्चों का दूध महंगा क्यों कर दिया
संजय सिंह ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं, आबाद उन्हीं के दम पर महलवाले रहते हैं। उन्होंने कहा कि ये देश जिनके हाथ में छाले हैं, ये सरकार उन्हीं के दम पर हैं। संजय सिंह ने सवाल उठाया कि ये सरकार किसके दम पर काम कर रही है। संजय सिंह ने कहा कि नौजवान कह रहा है कि नौकरी दे दे तो ये सरकार कहती है पैसा नहीं है अग्निवीर लेकर चार साल की नौकरी करो। भारत की सेना कहती है पैसा दे दो, सरकार कहती है तुम्हारे बजट का 63 हजार करोड़ रुपये कम करेंगे। संजय सिंह ने गैस का सिलेंडर, बच्चे के लिए महंगे दूध का जिक्र किया। आटा-दाल चावल के दाम बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार हमेशा पैसे की कमी की बात कहती है। संजय सिंह ने कहा कि सरकार के पास पैसे की कमी की वजह है कि नरेंद्र मोदी के मित्रों को पैसा दे दिया गया। संजय सिंह ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तरफ से 20 हजार करोड़ रुपये लेकर भागने की बात कही। विजय माल्या के 10 हजार करोड़, 3 हजार करोड़ रुपये ललित मोदी के लेकर भागने की बात कही। संजय सिंह ने पूंजीपतियों का 11 लाख करोड़ रुपये का लोन माफ करने की बात भी कही। संजय सिंह ने कहा कि एक आदमी को 2.5 लाख करोड़ रुपये देते हुए बच्चों के दूध पर टैक्स लगाते हो। आटा चावल पर टैक्स लगाते हो। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के गरीबों का खून चूसने का काम करते हो। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये सरकार किसके लिए चल रही है।
इतना दिया तो बंगाल क्यों नहीं जीते?
राज्यसभा मे TMC सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की हार पर चुटकी ली। ब्रायन ने कहा कि हमने बार-बार सरकार को चेताया था मगर वह सुनती ही नहीं। TMC सांसद ने कहा कि ‘ये लोग कह रहे थे कि इतना दिया, उतना दिया…. इतना दिया तो बंगाल में जीते क्यों नहीं?’ तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने एक घर की कहानी सुनाकर आम आदमी पर जीएसटी दरें बढ़ने के प्रभाव को समझाया। ब्रायन ने टूथपेस्ट से लेकर अस्पताल पर जीएसटी का उदाहरण दिया।
शक्ति सिंह गोहिल : हाय रे भाजपाई महंगाई
देश की जनता की दिक्कत की चर्चा करने के लिए हम यहां आ गए। महंगाई पर बोलते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि हाय रे भाजपाई महंगाई, तूने कैसी आफत लाई, देशवासियों के जीवन को बना दिया दुखदायी। जेएनयू का जिक्र करते हुए गोहिल ने वित्त मंत्री से गुजारिश करते हुए कहा आप तो संवेदनशील है। उन्होंने गुजरात के एक युवक की आत्महत्या और सुसाइड नोट में महंगाई का जिक्र किया। जीएसटी में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए उन्होंने सरकार की तरफ से तेल पर टैक्स कमाने का जिक्र किया। गोहिल ने यूपीए और एनडीए के शासनकाल के दौरान तेल की कीमतों का तुलना की।
गरीबों की थाली से दूर हुई दाल
सीपीआई (एम) सांसद इलामारम करीम ने महंगाई पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि महंगाई के कारण रोजमर्रा की चीजें बहुत महंगी हुई है। पिछले पांच साल में गेहूं, चावल और दाल की कीमतों में क्रमश: 28%, 24% और 30% की बढ़ोतरी हुई है। वाम सांसदों ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालयों के आंकडों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि गरीबों की थाली से दूर हो गई है। सीपीएम सांसद ने खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी का भी जिक्र किया।
प्रकाश जावड़ेकर : 30 रुपये किलो चावल 3 रुपये किलो कैसे मिलता है
महंगाई एक ऐसी चीज है किसी को भी दुख होगा। महंगाई बढ़ी तो बहुत आनंद हुआ ऐसा कोई आदमी नहीं मिलता। दुनिया में ऐसा कौन सा देश है जहां महंगाई नहीं बढ़ती। उन्होंने कहा कि मूल मुद्दा है कि आपकी जितनी इनकम बढ़ती महंगाई उससे अधिक बढ़ रही या उसके समानुपात में बढ़ रही है। जावड़ेकर ने कहा कि हम किसानों के लाभकारी मूल्य मिलने की बात करते हैं फिर हम दूसरी तरफ कहते हैं महंगाई बढ़ी है लेकिन हमें सामान सस्ता चाहिए। सरकार 30 रुपये में एक किलो चावल लेती हैं और यह राज्यों को तीन रुपये में देती है। उन्होंने कहा कि दो साल तक 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन दिया। अब इसका खर्च 2 लाख 71 हजार करोड़ रुपये खर्च आया। इसे कहां से लाएंगे। जावड़ेकर ने कहा कि आप कमरे में कुछ कहते हैं और बाहर आकर कुछ कहते हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी के रेट आमराय से तय हुआ और बाहर आकर वह गब्बर सिंह टैक्स कैसे हो जाता है। जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार ने लगातार काम किया है और करती रहेगी। जावड़ेकर ने कहा कि हमारे हाथ में जो नहीं था वो संकट हमारे सामने आए हैं। जावड़ेकर ने कहा कि जीएसटी परिषद में विपक्षी दलों की सरकारें भी हैं, उन्होंने फैसले पर सहमति जताई। जावड़ेकर ने कहा कि चूंकि ‘पाखंड’ शब्द असंसदीय हो गया है इसलिए वह दूसरा शब्द इस्तेमाल करेंगे। जावड़ेकर ने ‘अंदर एक बाहर एक’ का इस्तेमाल विपक्ष के दोहरे रवैये को दर्शाने के लिए किया।