महंगाइ की मार : 30% बढ़ सकता है आपके मोबाइल का खर्च

नई दिल्ली

5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पूरी हो चुकी है। इससे सरकार को 1.5 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। लेकिन आम आदमी के लिए अच्छी खबर नहीं है। जानकारों का मानना है कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद टेलिकॉम कंपनियां टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती हैं। यानी आपके मोबाइल का खर्च बढ़ने वाला है। इससे पहले इन कंपनियों में पिछले साल नवंबर और दिसंबर में टैरिफ बढ़ाया था। इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में एक बार फिर ये कंपनियां ग्राहकों के लिए टैरिफ बढ़ा सकती हैं। जानकारों के मुताबिक कंपनियों ने 5जी स्पेक्ट्रम को खरीदने के लिए जमकर पैसा बहाया है और इसकी वसूली ग्राहकों से ही की जाएगी।

बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर मनीष गुप्ता ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियों ने स्पेक्ट्रम खरीदने में काफी पैसा खर्च किया है और कंपनियां 5जी सर्विसेज के लिए ज्यादा वसूल करेंगी। ग्राहकों को 5जी से जोड़ने के लिए कंपनियां 4जी सर्विसेज के टैरिफ भी महंगा कर सकती हैं। टैरिफ बढ़ने से एयरटेल , रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया के टैरिफ महंगे हो जाएंगे। इससे इन सभी कंपनियों के प्लान महंगे हो जाएंगे। Nomura Global Markets Research के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियां अपने सभी ओवरऑल सब्सक्राइबर्स बेस के लिए टैरिफ में चार फीसदी की इंक्रिमेंटल बढ़ोतरी कर सकती हैं। या रोजाना 1.5 जीबी वाले 4जी प्लान में 30 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है।

स्पेक्ट्रम खरीदने में जियो सबसे आगे
टेलिकॉम कंपनियों ने हाल में हुई स्पेक्ट्रम नीलामी में विभिन्न बैंड्स में 51,236 MHz स्पेक्ट्रम 1.5 लाख करोड़ रुपये में खरीदे थे। देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने 88,078 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने क्रमश: 43,084 करोड़ रुपये और 18,799 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीदे। सरकार ने सितंबर 2021 के बाद खरीदे गए सभी स्पेक्ट्रम पर स्पेक्ट्रम यूसेज चार्जेज (SUC) हटा दिया है। इससे कंपनियों को सालाना करीब 7,500 करोड़ रुपये की बचत होगी।

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