पार्टी का नहीं, सरकार का कार्यक्रम है… तिरंगा बाइक रैली से विपक्ष की दूरी पर भड़की बीजेपी, कांग्रेस का पलटवार

नई दिल्‍ली

देश की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा राजनीतिक विवाद के केंद्र में आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों लोगों से अपने सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाइल तस्वीर के रूप में ‘तिरंगा’ लगाने को कहा था। इसके बाद केंद्रीय मंत्रियों से लेकर भाजपा पदाधिकारियों-समर्थकों व आम लोगों ने तिरंगे को डीपी बना लिया। हालांकि, कांग्रेस नेता अलग ही लीक पर चल पड़े। पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत बड़े नेताओं ने तिरंगा तो डीपी में लगाया मगर ट्विस्‍ट के साथ। उनकी डीपी में तिरंगा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हाथ में नजर आ रहा है। तनातनी सिर्फ वर्चुअल नहीं रही। बुधवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दिल्‍ली में ‘तिरंगा बाइक रैली’ का आयोजन किया। केंद्रीय मंत्रियों, भाजपा सांसदों व अन्‍य नेताओं ने इसमें शिरकत की। कांग्रेस समेत विपक्षी दल इस रैली से दूर रहे। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बीजेपी पर निशाना साधा। जवाब में बीजेपी ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस बुला ली। वार-पलटवार का दौर जारी है।

तिरंगा यात्रा पर विपक्षी नेताओं ने क्‍या कहा?
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि ‘इनका इवेंट मैनेजमेंट है। तिरंगा, देशभक्ति… ये सब इनके लिए इवेंट है। 2002 तक जिन लोगों ने तिरंगे को छुआ नहीं, वो हमें पाठ पढ़ाएंगे।’ तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन ने कहा कि ‘तिरंगे से किसी को ऐतराज नहीं है, बल्कि बीजेपी जिस तरह की राजनीति करती है, परेशानी उससे है।’ आम आदमी पार्टी के सांसद हरभजन सिंह ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का समर्थन किया। समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि ‘तिरंगा लगाने से नहीं, काम से देशभक्ति तय होती है।’

तिरंगा यात्रा के पीछे बीजेपी का एजेंडा: चौधरी
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा की देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अखबार (नैशनल हेराल्ड) के खिलाफ साजिश हो रही है। उन्होंने इस तिरंगा यात्रा को भाजपा की यात्रा बताते हुए कहा कि सरकारी कार्यक्रम को सामने रखकर भाजपा राजनीतिक एजेंडे पर काम कर रही है, इसलिए वो इसमें शामिल नहीं हो सकते हैं। कांग्रेस अलग से अपना कार्यक्रम आयोजित करने की बात भी कह रही है

बीजेपी ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में किया पलटवार
तिरंगा बाइक रैली से विपक्ष के नदारद रहने पर सत्‍ताधारी भाजपा आगबबूला हो गई। पार्टी के प्रवक्‍ता संबित पात्रा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करने आए। कहा कि कार्यक्रम पार्टी का नहीं, बल्कि सरकार का है, विपक्ष इसपर राजनीति कर रहा है। पात्रा ने कहा, ‘आज जब तिरंगा बाइक रैली हुई, तो इस कार्यक्रम का शुभारंभ उप-राष्ट्रपति जी के हाथों से हुआ। क्योंकि ये कार्यक्रम किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं है, ये सरकार का कार्यक्रम है। हर सांसद को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया गया था। लेकिन इस पर भी राजनीति हो रही है।’

बीजेपी नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बार-बार कहा है कि राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति है, तिरंगा किसी पार्टी का नहीं, ये राष्ट्र का है। हर घर में तिरंगा फहराना है ये किसी पार्टी की लाइन नहीं हो सकती, ये राष्ट्र की लाइन है। इस महायज्ञ में हम सभी अपनी आहुति दें, बाकि पार्टियों से भी हम निवेदन कर रहे हैं कि राजनीति छोड़िए, इस महायज्ञ में आप भी अपनी आहुति दीजिए।’

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने संसद भवन परिसर के गेट नंबर 4 पर तिरंगा लहरा कर अपना विरोध जताया। तिवारी ने कहा कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा यात्रा को हरी झंडी दिखाने के बावजूद अगर किसी को तिरंगे में भी भाजपा और नरेंद्र मोदी दिखाई देता है तो यह उनकी सोच है लेकिन हम 2047 तक तिरंगा यात्रा निकालते रहेंगे। मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार तो सबकी होती है और सरकार के निमंत्रण के बावजूद इन लोगों ने (विपक्ष) तिरंगा यात्रा में शामिल नहीं होकर तिरंगे का अपमान किया है और इसका जवाब उन्हें भाजपा नहीं देश की जनता देगी।

कांग्रेसियों की नेहरू की तिरंगे वाली डीपी
पीएम मोदी ने पिछले दिनों ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया। फिर सोशल मीडिया पर डीपी में तिरंगा लगाने की अपील की। जवाब में कांग्रेस ने हाथ में तिरंगा लिए जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर को अपनी डीपी पर लगाने की शुरूआत कर दी। राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा, ‘देश की शान है हमारा तिरंगा, हर हिंदुस्तानी के दिल में है, हमारा तिरंगा।’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी यही डीपी लगाते हुए कहा, ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।’ कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट में कहा गया, ‘तिरंगा हमारे दिल में है, लहू बनकर हमारी रगों में है। 31 दिसंबर, 1929 को पंडित नेहरू ने रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराते हुए कहा था, ‘अब तिरंगा फहरा दिया है, ये झुकना नहीं चाहिए। आइए हम सब देश की अखंड एकता का संदेश देने वाले इस तिरंगे को अपनी पहचान बनाएं। जय हिंद।’

कांग्रेस के नए मीडिया प्रभारी और महासचिव जयराम रमेश एक कदम आगे निकल गए। उन्‍होंने डीपी बदलते हुए ट्वीट किया, ‘वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में रावी नदी के तट पर झंडा फहराते हुए पंडित नेहरू ने कहा था ‘एक बार फिर आपको याद रखना है कि अब यह झंडा फहरा दिया गया है। जब तक एक भी हिंदुस्तानी मर्द, औरत, बच्चा जिंदा है, यह तिरंगा झुकना नहीं चाहिए।’ देशवासियों ने ऐसा ही किया।’ उन्होंने कहा, ‘हम हाथ में तिरंगा लिए अपने नेता नेहरू की तस्वीर डीपी के तौर पर लगा रहे हैं। लेकिन लगता है प्रधानमंत्री का संदेश उनके परिवार तक ही नहीं पहुंचा। जिन्होंने 52 वर्षों तक नागपुर में अपने मुख्यालय में झंडा नहीं फहराया, वे क्या प्रधानमंत्री की बात मानेंगे?’

क्‍या है आजादी का अमृत महोत्सव?
यह भारत सरकार की एक पहल है, जिसके माध्यम से स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर देश वासियों को अपने लोगों संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाना है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और समर्पण का अभियान है। जो संपूर्ण देश में 11 से 17 अगस्त के बीच मनाया जाएगा। मुख्य अभियान 13 से 15 अगस्त तक आयोजित होगा, जिसमें सभी नागरिक अपने-अपने घरों पर ध्वज फहराएंगे।

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