बीजिंग,
अमेरिकी सीनेट स्पीकर नैंसी पेलोसी के लौटते ही चीन ने ताइवान की नाकेबंदी कर दी है. इतना ही नहीं चीन ने ताइवान से लगे इलाकों में सैन्य अभ्यास भी शुरू कर दिया है. चीन की ओर से इस युद्धाभ्यास के लिए कई युद्धपोत, फाइटर जेट, मिसाइलों को तैनात किया गया है. चीन ताइवान की सीमा से सिर्फ 9 समुद्री मील की दूरी पर सैन्य अभ्यास कर रही है. अमेरिका भी इस पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है. अमेरिका ने चीन के युद्धाभ्यास को देखते हुए ताइवान के पास फिलिपींस सी में अपना युद्धपोत USS Ronald Reagan भेज दिया है.
चीन के युद्धाभ्यास को लेकर ताइवान ने कहा कि हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा, हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. लेकिन हम संघर्ष नहीं चाहते. उधर, अमेरिका ने भी चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि नैंसी पेलोसी के दौरे को संकट में न बदलें.
नैंसी पेलोसी की यात्रा पर भड़का चीन
दरअसल, चीन नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर भड़का हुआ है. उसने पहले भी अमेरिका को ये दौरा टालने के लिए कहा था. साथ ही ताइवान को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. अब नैंसी पेलोसी के लौटते ही चीन ने समुद्र में सैन्य गतिविधियां शुरू कर दी हैं. चीन के इस कदम को युद्ध भड़काने जैसा ही माना जा रहा है. दरअसल, जब यूक्रेन ने नाटो की सदस्यता लेने का ऐलान किया था, तब रूस ने भी इसी तरह सैन्य अभ्यास की आड़ में सीमा तक सेना पहुंचाई थी. इसके बाद फरवरी में यूक्रेन पर हमला कर दिया था. उधर, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन पियरे ने बुधवार को कहा कि चीन नैंसी पेलोसी के ताइवान के दौरे को संकट में न बदले.
इससे पहले चीन ने बुधवार को ताइवान के एयर डिफेंस क्षेत्र में 27 लड़ाकू विमान भेजे थे. इनमें से 22 विमान ने मेडियल लाइन को पार किया था जो दोनों देशों के बीच में एक अघोषित सीमा है. इतना ही नहीं चीन ने ताइवान के चारों तरफ 6 जगहों से हवा और समुद्र में अभ्यास करने का ऐलान किया है. माना जा रहा है कि चीन ताइवान के सामने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहता है.
पेलोसी ने चीन को दिया सख्त संदेश
नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि अमेरिका ताइवान के लोकतंत्र की रक्षा करेगा. साथ ही ताइवान से किए हुए हर वादे को निभाएगा. पेलोसी ने अपनी यात्रा के दौरान लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी. इसमें 1989 के तियानमेन स्क्वायर पर हुए प्रदर्शन के दौरान छात्र नेता रहे कैक्सी भी शामिल थे. जो 2019 में हॉन्गकॉन्ग चले गए थे. उधर, अमेरिका ने चीन को ताइवान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई न करने की धमकी दी है. उधर, नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, हमारी स्थिति एकदम साफ है. हम महासभा के प्रस्तावों के तहत चीन की वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करते हैं.
ताइवान पर क्या है अमेरिका की नीति?
ताइवान को चीन अपना क्षेत्र मानता है. जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश बताता है. उधर, अमेरिका के ताइवान के साथ आधिकारिक रूप से राजनयिक संबंध नहीं है. वह चीन की वन पॉलिसी का समर्थन करता है. लेकिन अमेरिका ताइवान रिलेशंस एक्ट के तहत उसे हथियार बेचता है. इस कानून में कहा गया है कि अमेरिका ताइवान की आत्मरक्षा के लिए जरूरी मदद देगा. ऐसे में चीन नैंसी पेलोसी के तालिबान दौरे को सीधे तौर पर वन चाइना पॉलिसी को चुनौती के तौर पर देख रहा है. चीन ने ये भी धमकी दी है कि यह दौरा हथियार उठाने की वजह भी बन सकती है.
चीन ने दी धमकी, तो ताइवान ने दिया जवाब
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा नैंसी की यात्रा को लेकर कहा था कि अमेरिका का यह रुख आग से खेलने जैसा है. यह बहुत ही खतरनाक है. जो आग से खेलेंगे, वे खुद जलेंगे. उधर, ताइवान ने भी युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस समय ताइवान को अमेरिका का सीधा साथ मिल रहा है. यही वजह है कि ताइवान भी चीन को किसी भी स्थिति से निपटने की धमकी दे रहा है.