ताइवान के ऊपर से आज पहली बार गुजरेंगी चीनी मिसाइलें! चीन ने शुरू किया सैन्य अभ्‍यास, चौतरफा घेराबंदी

बीजिंग

ताइवान के करीब चीन की पीपुल्‍स लिब्रेश्‍सन आर्मी (पीएलए) ने ज्‍वॉइन्‍ट मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दी है। चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। अखबार ने बताया है कि इस ड्रिल में समुद्र से लेकर जमीन और हवा में भी ताइवान की घेराबंदी की जा रही है। ड्रिल में चीन की सेनाएं J-20 स्‍टेल्‍थ फाइटर जेट्स से लेकर DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइल तक का प्रयोग कर रही हैं। मंगलवार को जब से अमेरिकी स्‍पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची, चीन तब से ही भड़का हुआ था। चीन, ताइवान को अपना हिस्‍सा मानता है और पेलोसी की यात्रा को संप्रभुता का उल्‍लंघन बता रहा है।

26 साल बाद ऐसा युद्धाभ्‍यास
ग्‍लोबल टाइम्‍स की मानें तो ये युद्धाभ्‍यास एक असाधारण युद्धाभ्‍यास है जिसमें पारंपरिक मिसाइलें पहली बार ताइवान के ऊपर से गुजरेंगी। साथ ही पीएलए की सेनाएं ताइवान में 12 नॉटिकल मील यानी 22 किलोमीटर अंदर तक दाखिल होंगी। सेनाएं इस युद्धाभ्‍यास में मेडियन लाइन को पार करेंगी और ताइवान को चारों तरफ से घेरेंगी। पीएलए का मकसद ताइवान को दबाव में लेकर उस पर पूरी तरह से नियंत्रण लेना है। चीन ने इसी तरह की मिलिट्री ड्रिल साल 1995 और 1996 में भी की थी।

खतरनाक मिसाइलें भी शामिल
पीएलएम के पूर्वी थियेटर कमांड की तरफ से बुधवार को नौसेना, वायुसेना, रॉकेट फोर्स, स्‍ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स और ज्‍वॉइन्‍ट लॉजिस्टिक सपोर्ट फोर्स की तरफ से जिस युद्धाभ्‍यास को शुरू किया गया है उसमें ताइवान को चारों दिशाओं से घेर लिया गया है। कमांड की तरफ से प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी गई। जे-20 फाइटर जेट, H-6K बॉम्‍बर, J-11 फाइटर जेट, टाइप 052D डेस्‍ट्रॉयर के साथ ही टाइप 056A कोर्वट और DF-11 शॉर्ट रेंज की बैलेस्टिक मिसाइलों को तैनात कर दिया गया है। इससे पहले अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट और DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी युद्धाभ्‍यास में शामिल किया गया है।

ग्‍लोबल टाइम्‍स की तरफ से बताया गया ह कि पीएलए एक महत्‍वपूर्ण मिलिट्री एक्‍सरसाइज और ट्रेनिंग एक्टिविटीज को भी अंजाम देगी। इसमें लाइव फायर ड्रिल्‍स होंगी जो 6 बड़े मैरिटाइम इलाके में की जाएंगी। साथ ही चीन की सेना रविवार तक ताइवान के एयरस्‍पेस को चारो तरफ से घेरेगी।

ताइवान नहीं होगा आजाद
पीएलए की नौसेना रिसर्च एकेडमी में सीनियर रिसर्च फेलो झांग जुंशे ने कहा है कि यह पहला मौका है जब ताइवान के अंदर ऐसे हथियार मौजूद होंगे। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा ये कदम पीएलए ने अपने देश की सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा के लिए उठाया है। सेनाएं, ‘ताइवान को आजाद कराने वाले किसी भी मौके को सफल नहीं होने देंगी।’ इसके अलावा बाहरी ताकतों का हस्‍तक्षेप भी बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा।चीन के मिलिट्री एक्‍सपर्ट झांग श्‍यूफेंग ने ग्‍लोबल टाइम्‍स से कहा, ‘अगर पीएलए की पारंपरिक मिसालों को ताइवान के पश्चिम से लॉन्‍च किया गया तो ये पूर्व में निशाना बनाएंगी। इसका मतलब यही है कि ये मिसाइल इस द्वीप के ऊपर से गुजरेंगी जो कि असाधारण बात है।’

ताइवान की सीमा में चीन
उन्‍होंने ये भी बताया कि ड्रिल जोन के पांच इलाकों को ताइवान स्‍ट्रेट्स की मेडियन लाइन के पूर्व में रखा गया है। इसका मतलब यही है कि पीएलए इस लाइन को मानने से इनकार कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि कुछ ड्रिल जोन को पहली बार ताइवान की सीमा के 22 किलोमीटर अंदर तक बनाया गया है। लेकिन ताइवान, चीन का ही हिस्‍सा है तो ये चीनी सीमा ही है।चीन ने बुधवार को कहा कि वह एक-चीन नीति का उल्लंघन करने को लेकर अमेरिका और ताइवान के खिलाफ कठोर एवं प्रभावी जवाबी कदम उठाएगा। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हम वही करेंगे जो हमने कहा है। कृपया थोड़ा धैर्य रखें।

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