नई दिल्ली
दुनिया पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है, जेट फ्यूल यानी विमान ईंधन की कीमत आसमान छू रही है और एविएशन जैसी इंडस्ट्री में सफलता पाना आसान नहीं है। सुब्रत रॉय, नरेश गोयल और विजय माल्या जैसे दिग्गज इसमें अपने हाथ जला चुके हैं। फिर अरबपति निवेशक राकेश झुनझुनवाला क्यों इसमें कूद रहे हैं? उनके निवेश वाली आकासा एयर रविवार को अपनी ‘उड़ान’ शुरू कर रही है। झुनझुनवाला शेयर बाजार में बिग बुल के नाम से मशहूर हैं और उन्हें भारत का वॉरेन बफेट भी कहा जाता है। 30 से ज्यादा कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी है और 3.5 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ वह भारत के 52वें सबसे बड़े रईस हैं। लेकिन यह पहला मौका है जब वह अपनी कंपनी शुरू करने जा रहे हैं और वह भी 62 साल की उम्र में। सवाल यह है कि झुनझुनवाला ऐसे सेक्टर में क्यों उतरने जा रहे हैं जहां कई दिग्गज अपने हाथ जला चुके हैं।
झुनझुनवाला ने खुद फरवरी में एक इवेंट में कहा था, ‘बहुत लोगों के मन में यह सवाल है कि मैंने एक एयलाइन शुरू क्यों की। उनके सवाल का जवाब देने के बजाय मैं कहूंगा कि मैं नाकामी के लिए तैयार हूं। कोशिश ने करने के बजाय प्रयास करने के बाद नाकाम होना बेहतर है।’ यह सच है कि झुनझुनवाला जिस रास्ते पर जा रहे हैं, उस पर पहले कई दिग्गज अपने हाथ जला चुके हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं शराब कारोबारी विजय माल्या । उनकी किंगफिशर एयरलाइन2012 में दिवालिया हो गई और बैंकों के एक अरब डॉलर से अधिक डूब गए। माल्या के खिलाफ फाइनेंशियल फ्रॉड का मामला चल रहा है। वह फिलहाल ब्रिटेन में हैं और उन्हें भारत लाने की कोशिश की जा रही है।
फिसल चुके हैं कई दिग्गज
सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय ने भी एयरलाइन सेक्टर में कदम रखा था। उन्होंने एयर सहारा शुरू की थी। लेकिन कई साल तक नुकसान झेलने के बाद उन्होंने 2007 में इसे नरेश गोयल की जेट एयरवेज को बेच दिया। जेट एयरवेज ने भी 2019 में दम तोड़ दिया। कई लोगों का मानना है कि जेट के पतन के लिए एयर सहारा डील जिम्मेदार थी। देश की तीसरी सबसे बड़ी एयरलाइन स्पाइसजेट भी मुश्किलों में घिरी है। एक के बाद एक उसके विमानों में तकनीकी गड़बड़ी के कई मामले सामने आ चुके हैं। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया भी कई साल तक घाटा झेलने के बाद बिक चुकी है।
Hurun India के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर अनस रहमान जुनैद के मुताबिक लोग कहते हैं कि करोड़पति बनने के लिए आप पहले अरबपति बनिए और फिर एक एविएशन कंपनी शुरू कर दीजिए। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि भारत में हर एविएशन कंपनी नाकाम हुई है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहे एयर ट्रेवल मार्केट्स में से एक है। जुनैद ने कहा कि दुनिया में एविएशन सेक्टर के सबसे अमीर भारत से हैं। राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया ने 2006 में इंडिगो (IndiGo) की शुरूआत की थी जो आज देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है। इन दोनों में से प्रत्येक की नेटवर्थ चार अरब डॉलर से अधिक है। उनकी कमाई एविएशन बिजनस से ही हुई है।
क्या कहते हैं झुनझुनवाला
झुनझुनवाला का कहना है कि उनके लिए अब यह एयरलाइन प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों को गलत साबित करना चाहता हूं। अब यह मेरे लिए प्रतिष्ठा का मामला बन गया है।’ झुनझुनवाला ने आकासा में 3.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है जो करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। जानकारों का कहना है कि झुनझुनवाला स्मार्ट इनवेस्टर हैं लेकिन एयरलाइन चलाना स्टॉक ट्रेडिंग की तरह नहीं है। जानकारों के मुताबिक झुनझुनवाला कंपनी के डे-टू-डे ऑपरेशंस को मैनेजमेंट टीम पर छोड़ देंगे। इसमें इंडस्ट्री के कई दिग्गजों को शामिल किया गया है।
आकासा को Ryanair और Southwest Airlines की तर्ज पर बनाया जा रहा है। जेट फ्यूल की कीमत में तेजी और भारतीय रुपये के कमजोर पड़ने से एविएशन इंडस्ट्री का आउटलुक प्रभावित हुआ है। इंडस्ट्री अभी कोविड-19 महामारी के असर से पूरी तरह उभर नहीं पाई है। इस पर तुर्रा यह कि भारत में विमान के एक पुर्जा भी नहीं बनता है। सबकुछ अमेरिका या यूरोप से मंगाना पड़ता है। एविएशन मार्केट रिसर्च फर्म सीएपीए के मुताबिक महामारी के कारण पिछले दो साल में देश की एयर ट्रेवल इंडस्ट्री को करीब आठ अरब डॉलर का नुकसान हुआ। हालांकि सरकार इस नुकसान को 2.5 अरब डॉलर का बता रही है। फिर भी देश में अपार संभावनाएं हैं। सरकार ने देश में 2025 तक 80 एयरपोर्ट्स बनाने का लक्ष्य रखा है।
अल्ट्रा लो कॉस्ट कैरियर
आकासा खुद को अल्ट्रा लो कॉस्ट कैरियर बता रही है। एयरलाइन का दावा है कि उसका किराया दूसरी एयरलाइंस के मुकाबले 10 फीसदी सस्ता होगा। आकासा एयर ने अपनी कमर्शियल फ्लाइट्स के लिए टिकटों की बिक्री शुरू कर दी है। कंपनी की पहली उड़ान सात अगस्त से मुंबई से अहमदाबाद के बीच शुरू होगी। एयरलाइन इन दोनों शहरों के बीच हफ्ते में 28 फ्लाइट्स ऑपरेट करेगी। इसके बाद कंपनी 13 अगस्त से बेंगलूरु और कोच्चि के बीच हर हफ्ते 28 फ्लाइट्स ऑपरेट करेगी। कंपनी ने शुरुआती दौर में अहमदाबाद, बेंगलूरु, मुंबई और कोच्चि नेटवर्क के लिए टिकटों की बिक्री शुरू की है। शेयर मार्केट में झंडे गाड़ने वाले झुनझुनवाला इस सेक्टर में कितने सफल होंगे, यह तो आने वाला समय बताएगा।