महाशक्तिशाली चीन की सैन्य शक्ति से क्यों नहीं डर रहा ताइवान, ‘साही’ रणनीति में छिपा है राज

ताइपे

अमेरिकी नेता नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन आग-बबूला है। इस कारण चीन ने ताइवान के चारों तरफ बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। गुरुवार को ही चीन की कई मिसाइलों ने ताइवान के ऊपर से उड़ान भरते हुए समुद्र में अपने लक्ष्य को हिट किया। चीन के इस मिसाइल लॉन्च का लक्ष्य ताइवान सहित अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया को धमकाना था। चीन के मुकाबले ताइवान की सैन्य शक्ति कुछ भी नहीं है। इसके बावजूद ताइवान के ऊपर चीन की धमकियों का कोई असर नहीं पड़ा और वह अपनी रक्षात्मक रणनीति को पुख्ता करने में ही जुटा रहा। पूरे ताइवान में लेवल टू का अलर्ट जारी है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ताइवान के पास ऐसा क्या है, जिस कारण वह चीन जैसे महाशक्तिशाली देश की परवाह नहीं करता है।

चीन और ताइवान की सैन्य तुलना जान लीजिए
चीन के मुकाबले ताइवान काफी कमजोर है। ग्लोबल फायर पावर की रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य ताकत के मामले में 142 देशों की लिस्ट में चीन तीसरे स्थान पर है। वहीं, ताइवान उससे कहीं पीछे 21वें नबंर पर काबिज है। चीन की जनसंख्या 1 अरब 39 करोड़ के आसपास है, वहीं ताइवान की जनसंख्या सिर्फ 23 करोड़ है। चीन का सैन्य बजट 270 अरब डॉलर है, वहीं ताइवान का सैन्य बजट 16.8 अरब डॉलर ही है। चीन के पास 20 लाख सैनिकों की सेना है, जबकि ताइवान के पास 1 लाख 70 हजार ही सैनिक हैं। चीन की नौसेना दुनिया में सबसे बड़ी है, जबकि ताइवान उससे काफी पीछे है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन दोनों देशों की सैन्य ताकत में कितना अंतर है।

ताइवान की साही रणनीति क्या है
ताइपे टाइम्स के अनुसार, ताइवान ने चीन के खिलाफ साही पक्षी के जैसे रणनीति अपनाई है। साही पक्षी के पीठ पर नुकीले कांटे लगे होते हैं। किसी दूसरे जीव के हमले के दौरान साही अपनी सुरक्षा के लिए इन कांटो को फैला देता है। ठीक वैसे ही, ताइवान ने भी अपनी सुरक्षा के लिए चौतरफा रणनीति अपनाई हुई है। ताइवान के लिए यह रणनीति इतनी कारगर है कि अगर चीन ने इसके बावजूद हमला किया तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यही कारण है कि चीन सिर्फ ताइवान को हमले की धमकी देता है, लेकिन पिछले 70 साल से उसने एक बार भी सैन्य कार्रवाई की कोशिश नहीं की।

ताइवान के ये हथियार चीन पर पड़ सकते हैं भारी
ताइवान की रणनीति चीन को उसी के समुद्र तट पर घेरने, हमला करने और दुश्मन को परेशान करने की है। महंगे लड़ाकू विमान और पनडुब्बियों को जगह ताइवान इन हथियारों के रोकने वाले हथियारों को महत्व देता है। ताइवान के पास पैट्रियट पीएसी-3 एयर डिफेंस सिस्टम जैसे हथियार हैं। जो चीन की मिसाइलों के अलावा उसके लड़ाकू विमान और ड्रोन को भी मार गिरा सकते हैं। ताइवान के पास बड़ी संख्या में पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम स्ट्रिंगर और एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल हैं। ताइवान के पास अमेरिकी हार्पून मिसाइल भी है, जो चीन के युद्धपोतों पर भारी पड़ सकती हैं। इसके अलावा ताइवान बड़ी संख्या में दूसरी मिसाइलों और हथियारों से लैस है।

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