ट्विटर नहीं मानता भारत का कानून… सौदे से हाथ खींचने का मस्‍क ने बताया कारण, क्‍या एक्‍शन लेगी सरकार?

नई दिल्‍ली

ट्विटर और एलन मस्‍क के बीच सौदा खटाई में पड़ा हुआ है। टेस्ला के मालिक ने 44 अरब डॉलर में माइक्रोब्‍लॉगिंग प्‍लेटफॉर्म को खरीदने की बात कही थी। यह और बात है कि बाद में उन्‍होंने सौदे से हाथ खींच लिए थे। अब एलन मस्‍क ने इससे मुकरने का कारण बताया है। इसमें भारत का भी नाम आ गया है। एलन मस्क ने दावा किया है कि ट्विटर भारत के कानून का पालन नहीं करता है। इस पॉलिसी ने प्‍लेटफॉर्म के सबसे बड़े बाजारों में से एक को खतरे में डाल दिया है। यह बिलियनेयर चाहता था कि ट्विटर भारतीय कानूनों का पालन करे। एलन मस्‍क का यह दावा कई लिहाज से बहुत महत्‍वपूर्ण है। ट्विटर पर भारत में मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। यहां तक सरकार और ट्विटर के बीच लड़ाई अदालतों में चल रही है। मस्‍क के इस दावे से सरकार के तर्कों को धार मिलेगी। देखना दिलचस्‍प होगा कि उसका रुख आगे क्‍या रहेगा।

शुक्रवार देर रात अमेरिका में डेलावेयर कोर्ट में एक केस दर्ज हुआ है। यह केस माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ दायर हुआ है। एक काउंटर सूट में मस्क ने कहा कि 44 अरब डॉलर के ट्विटर अधिग्रहण सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए उनके साथ ‘धोखा’ हुआ है। मस्क बनाम ट्विटर मामले में 100 से ज्‍यादा पन्‍नों में नया केस दर्ज हुआ है। इसमें कई बातें खुलकर सामने आ गई है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टर केट कांगर ने ट्वीट किया, ‘जुलाई में, ट्विटर ने कंटेंट को हटाने और दर्जनों खातों को ब्लॉक करने के मामले में चुनौती देने के लिए भारत सरकार पर मुकदमा दायर किया।’ कांगर ने कहा, ‘मस्क ने इसे मुद्दा बनाया, यह कहते हुए कि यह ट्विटर के सबसे बड़े बाजारों में से एक को खतरे में डालता है। ये बताता है कि ट्विटर को भारत में स्थानीय कानून का पालन करना चाहिए।’

ट्विटर ने आखिरी बार अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ कंटेंट को हटाने के भारत सरकार के आदेश के खिलाफ इस आधार पर कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया था कि आईटी मंत्रालय से कंटेंट हटाने के आदेश ‘आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत सही नहीं हैं। ट्विटर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि कंटेंट हटाने का आदेश मनमाना है।

मस्क ने कहा कि 2021 में भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कुछ नियम लागू किए, जिससे सरकार को सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करने, सूचना की पहचान करने और उन कंपनियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिली जिन्होंने अनुपालन करने से इनकार कर दिया। मस्क ने कहा कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को ‘उन देशों के कानूनों का सम्मान करना चाहिए जहां ट्विटर चलता है। ट्विटर ने मस्क के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, भारत में अदालती कार्रवाई दूसरे देशों में इसी तरह की कार्रवाई से प्रेरित है।

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