JDU की चिट्ठी में क्या है? नीतीश के राइट हैंड पर करप्शन के छींटे, जानिए पूरा मामला

पटना

बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू की अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। नीतीश कुमार के दाहिना हाथ माने जानेवाले आरसीपी सिंह पर पार्टी के ब्लॉक लेवल के नेताओं ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बिहार यूनिट के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने नोटस जारी कर सफाई मांगी है। आरसीपी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने 2013-22 के बीच यानी नौ सालों में 58 प्लॉट (40 बीघा जमीन) खरीदे हैं। जिसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी। अब जेडीयू ने आरसीपी सिंह को शोकॉज भेजा है। संपत्तियों का हिसाब मांगा है। यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे आरसीपी सिंह पहली बार नीतीश के संपर्क में तब आए जब वो 1996 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव के रूप में तैनात थे।

जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पर आरोप क्या है?
जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर अब उनकी पार्टी के नेता ही करप्शन का आरोप लगा रहे हैं। पार्टी की ओर से उनको शो कॉज भेजा गया है। ये नोटिस नालंदा जिले के जेडीयू प्रखंड अध्यक्ष के आरोप पर भेजा गया है। इस नोटिस को देखें तो जेडीयू ने आरसीपी सिंह पर परोक्ष रूप से भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, जो कि नीतीश की जीरो टॉलरेंस नीति है। आरसीपी सिंह पर जेडीयू में रहते अकूत संपत्ति जुटाने का आरोप है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की ओर से ये जवाब-तलब किया गया है। साल 2013-2022 के बीच 40 बीघा जमीन (58 प्लॉट) खरीदने का आरोप है। नालंदा जिले के दो प्रखंडों में 40 बीघा जमीन खरीदी गई है। जमीन को दान में लेने का आरोप भी आरसीपी सिंह पर लगा है। इन संपत्तियों का चुनावी हलफनामे में जिक्र नहीं किया गया था। पार्टी का आरोप है कि जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बात को छिपाए रखा। जेडीयू नेता ने यहां तक आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह ने अपनी पत्नी के नाम में हेरफेर कर जमीन खरीदी है।

आरसीपी सिंह को जारी नोटिस में क्या है?
आदरणीय रामचंद्र बाबू
नालंदा जिला जनता दल (यू) के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है। जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष-2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित कराया गया है। जिसमें कई प्रकार की अनियमितताएं दृष्टिगोचर होती है। (परिवाद की प्रति संलग्न)
आप लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता श्री नीतीश कुमार जी के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं। आपको माननीय नेता ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन), राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर पूर्ण विश्वास एवें भरोसा के साथ दिया।
आप इस तथ्य से भी अवगत हैं कि माननीय नेता भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते रहे हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी भी कोई दाग नहीं लगा और न उन्होंने कोई संपत्ति बनाई।
निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा परती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी स्पष्ट राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएंगे।
भवदीय

उमेश सिंह कुशवाहा
प्रदेश अध्यक्ष

आरसीपी सिंह पर लगे आरोपों पर पार्टियों ने क्या कहा?
आरसीपी सिंह पर लगे आरोपों पर जेडीयू के उपेंद्र कुशवाहा ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘बेहद गंभीर मामला है। आरसीपी सिंह को जवाब देना चाहिए। नीतीश कुमार भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करते हैं। 2013 से 2022 के बीच 58 प्लॉट खरीदने के आरोप लगे हैं। आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। करप्शन को लेकर जेडीयू जीरो टॉलरेंस लेकर चलती है।’ आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का भी बयान आया। उन्होंने बताया कि आरसीपी सिंह को जेडीयू ने जो नोटिस भेजा है, वह उनका आंतरिक मामला है। इससे हमें कोई लेना देना नहीं है। लेकिन आरसीपी सिंह को लेकर जेडीयू में जिस तरह की खटपट चल रही है उसी का यह परिणाम है। जबकि, बिहार बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह पर जो आरोप लगे हैं, यह जांच का विषय है। उनके जवाब का भी इंतजार करना चाहिए। ये जेडीयू का अंदरुनी मामला है। यह उनके (जेडीयू) बड़े नेता और दल के अंदर का विषय है। वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी की ओर से कहा गया कि जेडीयू के किसी भी नेता की संपत्ति की जांच करवा लीजिए। सबने पिछले 15-16 साल में अकूत संपत्ति जमा कर ली है। सभी लोगों ने भ्रष्टाचार के जरिए ही संपत्ति बनाई है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह की पोल खुल गई है, किस तरह से उन्होंने कमाई की है।

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