नई दिल्ली
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को नई आबकारी नीति पर अपने रुख के लिए पूर्व एलजी अनिल बैजल को दोषी ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व एलजी के यूटर्न की वजह से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। इसपर पलटवार करते हुए बीजेपी का कहना है कि डिप्टी सीएम ऐसे समय पर अनियमितताओं से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं जब वर्तमान एलजी ने राज्य में नई आबकारी नीति लागू करने को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
बीजेपी का कहना है कि सिसोदिया पूर्व एलजी अनिल बैजल को बलि के बकरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने अबतक चुप्पी साधने को लेकर आश्चर्य जताया। आप नेता ने आरोप लगाया है कि कुछ व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए शराब नीति में बदलाव किया गया था। पात्रा ने कहा, ‘केजरीवाल सरकार (पूर्व) एलजी को दोष दे रही है क्योंकि उन्हें एक बलि के बकरे की जरूरत है और सीबीआई जांच अनियमितताओं को उजागर करने वाली है।’
सीएम के करीबियों को बल्क में दिए लाइसेंस
सिसोदिया के कदम को ‘राजनीतिक स्टंट’ बताते हुए बीजेपी ने कहा कि इससे आप नेता जेल जाने से नहीं बच पाएंगे क्योंकि सीएम केजरीवाल के करीबी सहयोगियों जैसे अमित अरोड़ा और दिनेश अरोड़ा की भूमिका को लेकर सवाल खड़े होते हैं, जिन्हें नई आबकारी नीति के तहत कथित तौर पर बल्क में शराब लाइसेंस दिए गए थे। बीजेपी आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि कैसे कोविड की स्थिति का हवाला देते हुए लाइसेंस शुल्क में छूट दी गई थी और एलजी द्वारा सीबीआई जांच का आदेश देने पर नई आबकारी नीति वापस ले ली गई।
सिसोदिया के आसपास कसा जा रहा शिकंजा
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि शराब नीति केजरीवाल के करीबी सहयोगियों जैसे अरोड़ा और विजय नायर द्वारा बनाई गई थी। सिरसा ने दावा किया कि सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के तुरंत बाद नायर अमेरिका रवाना हो गए। मालवीय ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली में बड़े पैमाने पर आबकारी घोटाले में खुद का बचाव करने के लिए मनीष सिसोदिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस बस यही दिखाती है कि उन्हें पता है कि उनके चारों ओर फंदा कसा जा रहा है। उन्हें सत्येंद्र जैन के साथ जेल जाने की तैयारी कर लेनी चाहिए क्योंकि कानून के लंबे हाथ उन्हें पकड़ने वाले हैं।’
सिसोदिया ने माना सरकार को हुआ नुकसान
सिरसा ने कहा, ‘यह अद्भुत और अवसरवादी है कि सिसोदिया द्वारा एक महान सुधार वाली नई आबकारी नीति को लेकर शेखी बघारने के बाद, जब वे भ्रष्टाचार में पकड़े जा रहे हैं तो पूर्व एलजी पर इसका दोष मढ़ रहे हैं। यदि नई आबकारी नीति के कारण राजकोष को नुकसान पहुंचाने के लिए तत्कालीन उपराज्यपाल जिम्मेदार हैं, तो क्या सिसोदिया और केजरीवाल उन्हें उन अन्य कार्यों का श्रेय देंगे, जिन्हें लेकर वे शेखी बघारते रहते हैं? सिसोदिया ने माना है कि सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है। अब तक वे दावा कर रहे थे कि सरकार ने नई आबकारी नीति से 900 करोड़ रुपये कमाए हैं।’