नई दिल्ली
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) के बीच कभी भी तलाक हो सकता है। जेडीयू की तरफ से पटकथा तैयार है। विधायक दल की बैठक चल रही है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी गुना-गणित करके नीतीश को समर्थन देने का मन बना लिया है। बिहार की सियासत में आज का दिन बेहद अहम रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक खुद सीएम नीतीश बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान करेंगे। अब सवाल उठता है कि कम सीटों के बाद भी नीतीश को सीएम बनाने वाली बीजेपी को पिछले दो सालों में क्या मिला? क्या राज्य में जेडीयू से अलगाव बीजेपी के लिए शुभ संकेत है? तो आइए समझते हैं कि राज्य में अगर एनडीए गठबंधन टूटता है तो बीजेपी के लिए राज्य में आगे क्या रास्ते होंगे।
क्या बीजेपी के लिए शुभ संकेत?
बीजेपी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उसे 74 सीटों पर जीत मिली थी जबकि जेडीयू को महज 43 सीटें मिलीं। लेकिन बीजेपी ने चुनाव पूर्व किए वादे के अनुसार नीतीश कुमार को ही राज्य का सीएम बनाया था। हालांकि, पार्टी के अंदर इस बात को लेकर एकमत नहीं था। बीजेपी के कई नेता दबी जुबान ये स्वीकार करते थे कि पार्टी को नीतीश की जगह बीजेपी से ही किसी को सीएम बनाना चाहिए था। यही नहीं बीजेपी में इस बात को लेकर नाराजगी थी कि कई अहम मंत्रालय भी जेडीयू के पास चला गया था। पार्टी की राज्य इकाई के कई नेता दबी जबान ये कहते थे कि इससे अच्छा तो वो विपक्ष में रहकर अकेले दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी करें।
विपक्ष में बैठना फायदे का सौदा?
बीजेपी ने राज्य में विपक्ष में बैठने की तैयारी कर ली है। पार्टी के नेता ये मानकर चल रहे हैं कि विपक्ष में बैठना पार्टी के लिए फायदे का सौदा है। इसके लिए बीजेपी ने तैयारी भी शुरू कर दी है। बीजेपी के सूत्रों ने स्वीकार किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब वहां पहुंच गए हैं, जहां से उनका पीछे लौटना मुश्किल है। पार्टी के नेता अब पूरी ताकत के साथ जनता के बीच जाने की तैयारी कर चुके हैं।
बीजेपी एक्शन में
नीतीश के पाला बदलने की खबरों के बीच बीजेपी ने अब प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है। राज्य बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मौजूदा सियासी गहमागहमी के बीच डेप्युटी सीएम तारकिशोर प्रसाद से मुलाकात कर आगे की रणनीति पर चर्चा की है। गौरतलब है कि जायसवाल भी हाल के दिनों में नीतीश कुमार और जेडीयू पर हमला बोला था। दरअसल, बीजेपी को नीतीश के पाला बदलने की आशंका तो थी इसलिए पार्टी ने अंदरखाने इसकी तैयारी भी कर रखी थी।
जनता के बीच जाएगी बीजेपी
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने गठबंधन में तमाम कुर्बानियां देने के बाद भी नीतीश के पाला बदलने की खबरों से नाराज है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नीतीश कुमार के साथ बीजेपी का गठबंधन 2024 और 2025 में भी रहेगा। बावजूद इसके नीतीश के पाला बदलने की खबरों के कारण बीजेपी ने अब अपनी रणनीति बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के नेताओं ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि अब वह खुलकर आगे की रणनीति बनाएंगे। जनता के बीच जाएंगे। गौरतलब है कि पार्टी के नेता कई बार कह चुके हैं मौजूदा सरकार की कुछ योजनाओं के कारण उन्हें जनता की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। गठबंधन अगर टूटता है तो वो अब खुलकर अपनी बात रख पाएंगे।
बिहार विधानसभा का पूरा गणित समझिए
आरजेडी- 79 (मोकामा के विधायक अनंत सिंह की सदस्यता रद्द)
बीजेपी- 77
जेडीयू- 43 ( बीएसपी- 1+ एलजेपी-1)- कुल 45
कांग्रेस-19
भाकपा माले- 12
सीपीएम-2
सीपीआई-2
हम-4
AIMIM-1 (4 विधायक पार्टी छोड़ आरजेडी में गए)
निर्दलीय- 1 (सुमित सिंह, नीतीश के समर्थन में)
बहुमत का आंकड़ा
कुल सीट -242 (मोकामा सीट खाली)
बहुमत का आंकड़ा- 122