चीन बनाम अमेरिका की ‘जंग’ में फंसा नेपाल, इमरान खान जैसी हुई विदेश मंत्री खड़का की हालत

काठमांडू

नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का मंगलवार को चीन के दौरे पर रवाना हो रहे हैं। नेपाली विदेश मंत्री की यह चीन यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब ड्रैगन और अमेरिका के बीच नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर तनाव अपने चरम पर है। ताइवान स्‍ट्रेट में चीन मिसाइलें बरसा रहा है और अमेरिका का सातवां बेड़ा भी बीजिंग के किसी भी दुस्‍साहस पर नजर रखने और उसका जवाब देने के लिए वहां मौजूद है। नेपाली विदेश मंत्री की हालत कुछ उसी तरह से हो गई है जैसी यूक्रेन युद्ध के समय पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की थी।

नेपाली विदेश मंत्री खड़का चीन के प्‍लेन से सीधे तटीय शहर क्विंगदाओ जाएंगे। उनके साथ 11 सदस्‍यीय प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहेगा। इस शहर में खड़का चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करेंगे। काठमांडू पोस्‍ट के मुताबिक यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब चीन और अमेरिका के बीच में तनाव अपने चरम पर है। इस यात्रा को लेकर अमेरिका के राजनयिक हलके में एक गुट ने चिंता जताई है और उन्‍होंने नेपाली पक्ष से सर्वोच्‍च स्‍तर पर ‘नाखुशी’ जताई है।

अमेरिका ने खड़का की चीन यात्रा पर नाखुशी जताई
अधिकारियों ने कहा कि मुख्‍य तौर पर अमेरिका ने खड़का की चीन यात्रा पर नाखुशी जताई है। दरअसल, ताइवान संकट के बाद चीन यह कोशिश कर रहा है कि नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद वह दुनियाभर के देशों से समर्थन हासिल कर सके। चीन के दबाव का नतीजा है कि भारत के सभी पड़ोसी देशों ने ‘एक चीन नीति’ के समर्थन का ऐलान किया है। हालांकि भारत की ओर से अभी कोई बयान एक चीन नीति के बारे में नहीं दिया गया है।

चीन के सरकारी भोंपू ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दावा किया है कि नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद दुनिया के 160 देशों ने एक चीन नीति का समर्थन किया है जो दुनिया की 80 फीसदी आबादी है। चीन का मानना है कि नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा उसकी एक चीन नीति का उल्‍लंघन है। काठमांडू में चीनी दूतावास ने एक बयान जारी करके कहा है कि चीन मानता है कि नेपाल उसके एक चीन नीति को मानता है। नेपाल में अमेरिकी दूतावास ने खड़का की चीन यात्रा पर कोई बयान नहीं जारी किया है। वहीं राजनयिक सूत्रों का कहना है कि अमेरिका ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से खड़का की चीन यात्रा पर विरोध जताया है।

नेपाली विदेश मंत्री का इमरान खान वाला हुआ हाल
नेपाल का लंबे समय से चीन और अमेरिका दोनों से ही बहुत घनिष्‍ठ संबंध रहा है। अमेरिका चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए नेपाल में एक बार फिर से अपनी पकड़ को मजबूत करने में जुट गया है। नेपाली विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि खड़का की यात्रा का कार्यक्रम ताइवान तनाव शुरू होने से पहले ही बन गया था। बता दें कि यूक्रेन संकट के दौरान रूस जाने वाले इमरान खान ने भी यही तर्क उस समय दिया था। नेपाली अधिकारी ने कहा कि दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री भी हमसे ठीक पहले चीन जा रहे हैं। दक्षिण कोरिया अमेरिका का घनिष्‍ठ सहयोगी है।

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