‘…काले कपड़ों से गिला नहीं, बताएं महंगाई बढ़ाकर क्यों लूटा’, PM मोदी से प्रियंका के तीखे सवाल

नई दिल्ली,

कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘काला जादू फैलाने’ वाले बयान पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट कर शायराना अंदाज में ‘महंगाई’ को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. वहीं कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी काले कपड़ों को लेकर हो रही राजनीति को मुद्दे से भटकाने की कोशिश बताया, साथ ही इसे लेकर अलग-अलग तरीके से बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘आप इधर-उधर की बात न करें, ये बताएं महंगाई बढ़ाकर क्यों लूटा, जनता को काले कपड़ों से गिला नहीं, आपकी रहबरी पर सवाल है.’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी पीएम मोदी पर तंज कसा, ‘ ये काला धन लाने के लिए तो कुछ कर नहीं पाए, अब काले कपड़ों को लेकर बेमतलब का मुद्दा बना रहे हैं. देश चाहता है कि प्रधानमंत्री उनकी समस्याओं पर बात करें लेकिन जुमला जीवी कुछ भी बोलते रहते हैं. जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की काले कपड़ों में एक फोटो भी शेयर की.

दरअसल पीएम मोदी ने पानीपत में इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन करते हुए अपने संबोधन में कांग्रेस के काले कपड़ों में प्रदर्शन करने पर चुटकी ली थी. उन्होंने कहा था-हमारे देश में भी कुछ लोग हैं जो नकारात्मकता के भंवर में फंसे हुए हैं, निराशा में डूबे हुए हैं. सरकार के खिलाफ झूठ पर झूठ बोलने के बाद भी जनता जनार्दन ऐसे लोगों पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं. ऐसी हताशा में ये लोग भी अब काले जादू की तरफ मुड़ते नजर आ रहे हैं.अभी हमने 5 अगस्त को देखा है कि कैसे काले जादू को फैलाने का प्रयास किया गया. ये लोग सोचते हैं कि काले कपड़े पहनकर, उनकी निराशा-हताशा का काल समाप्त हो जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस के नेता डॉ. अजय कुमार ने पलटवार किया. उन्होंने कहा- काले टोपी वाले RSS तो इतने सालों से जादू टोना करके देश वासी को बेवकूफ बनाने के निरंतर प्रयास कर कर रहे हैं. वहीं शक्ति सिंह गोहिल ने कहा- जब सरकार सुनती नहीं थी, तब महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन में हमने काले कपड़े पहने थे. उसकी निंदा करने वाले प्रधानमंत्री जी देश को बताए की ये क्या है? काला जादू? अंध श्रधा? या निराशा?

काले कपड़ो को लेकर ये सियासत होम मिनिस्टर अमित शाह के बयान से शुरू हुई थी. उन्होंने इसे राम जन्मभूमि के शिलान्यास की तिथि से जोड़ते हुए कांग्रेस का तुष्टकरण करार दिया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे रामभक्तों का अपमान करार दिया था.

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