RCP सिंह के घर देर रात रची जाती थी साजिश, बीजेपी के बड़े नेता करते थे प्लानिंग… ललन सिंह ने बताया किसने खोली पोल

पटना

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) फिर से टूट चुका है। बीजेपी और जेडीयू की राहें अलग हो गई हैं और जेडीयू नेता नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ नए पार्टनर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इस बीच बीजेपी नीतीश पर पीठ पीछे छूरा घोंपने का आरोप मढ़ रही है तो जवाब में जेडीयू के खासमखास ललन सिंह ने मोर्चा संभाला हुआ है। उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि जेडीयू ने बीजेपी को धोखा नहीं दिया बल्कि बीजेपी ने जेडीयू के साथ दगाबाजी का पूरा षडयंत्र रचा। ललन सिंह यहीं नहीं रुके, उन्होंने बिना नाम लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के दिग्गज नेता भूपेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए।

बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद ललन सिंह पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। तभी पत्रकारों ने उनसे पूछा कि कल (मंगलवार) को आप कह रहे थे कि बीजेपी कैसे साजिश रच रही थी, उसका खुलासा करेंगे तो बताइए क्या हो रहा था। इस पर ललन सिंह ने कहा कि एक आदमी रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) के घर दिन-रात रहता था। उसी ने बीजेपी के षडयंत्र का सारा भेद खोल दिया। ललन बोले, ‘वो आदमी आरसीपी सिंह के घर पर 24 घंटे रहता है। जब आरसीपी सिंह के षडयंत्र का उसे पता चला तो वह वहां से भागा। नीतीश कुमार जब बाढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़ते थे, तो वहां उस आदमी के पिता जी नीतीश कुमार की पार्टी के कार्यकर्ता हुआ करते थे, उनके समर्थक थे।’

आरसीपी सिंह की बीजेपी के साथ मिलीभगत थी: ललन सिंह
ललन सिंह ने आगे दावा किया कि आरसीपी सिंह की बीजेपी के साथ मिलीभगत थी और वो बीजेपी के इशारे पर जेडीयू में भीतरघात की कोशिशों में जुटे थे। उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के उस समय जो प्रभारी थे, वो रात में 10 बजे, साढ़े 10 बजे आते थे। वो लिस्ट देते थे आरसीपी सिंह को कि इनसे बात कीजिए। बीजेपी प्रभारी आरसीपी से कहते थे कि नए-नए लोगों को लाइए ताकि वो नीतीश कुमार के खिलाफ बोलता रहे और हम लोग (बीजेपी नेता) कहते रहें कि बीजेपी 2024 में (लोकसभा ) और 2025 (विधानसभा) में भी नीतीश जी की अगुवाई में चुनाव लड़ेंगे। इधर कहते थे कि आप खेलते रहिए।’

सबको पता है, नाम लेने की जरूरत नहीं: ललन सिंह
इस दौरान संवाददाताओं की तरफ से बीजेपी के उस नेता का नाम उजागर करने को कहा गया। हालांकि, ललन सिंह ने कहा कि सबको पता है, नाम लेने की जरूरत नहीं है। निश्चित तौर पर उनका इशारा भूपेंद्र यादव की तरफ है। वही बिहार बीजेपी के प्रभारी हैं। ललन सिंह ने 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) कैंडिडेट्स को जेडीयू के खिलाफ उतारने के पीछे बीजेपी का दिमाग होने का दावा किया। उन्होंने कहा, ‘2020 के चुनाव में कह दिया कि हमारा एनडीए पूरी तरह एकजुट है और पीछे से कैंडिडेट देते गए लोजपा से। जो हार गए वो बीजेपी में शामिल होते रहे।’

शाह पर भी साधा निशाना
ध्यान रहे कि इसी महीने बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पटना में आयोजित पार्टी कार्यक्रम में शिरकत की थी। उसके बाद उन्होंने कहा था कि बिहार में बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन बना रहेगा और बीजेपी बिहार में 2024 का लोकसभा चुनाव और अगले साल 2025 का में विधानसभा चुनाव जेडीयू के साथ ही लड़ेगी। ललन सिंह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसी बयान का जिक्र करते हुए शाह पर निशाना साधा है।

बहरहाल, जेडीयू दगाबाज है या बीजेपी षडयंत्रकारी, इसे लेकर आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर तो चलता ही रहेगा। लेकिन जिस तरह बिहार में सत्ता परिवर्तन का बड़ा सियासी घटनाक्रम बिल्कुल अचानक हो गया, उससे ऐसा जरूर लगता है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच अविश्वास का माहौल हाल में नहीं बना बल्कि इसकी नींव 2020 के विधानसभा चुनाव में ही रखी गई थी। ललन सिंह समेत तमाम जेडीयू नेता इसे खुलकर स्वीकार भी रहे हैं। यह अलग बात है कि बीजेपी अब तक मानने से इनकार कर रही है कि उसके मन में जेडीयू या नीतीश के प्रति कोई अविश्वास का भाव था।

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