नई दिल्ली,
2022 की शुरुआत से ही दुनियाभर में कुछ ना कुछ संकट पसरा हुआ है. इस साल जहां ओमिक्रॉन के तौर पर कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दी, तो फरवरी आते-आते यूक्रेन पर रूस के हमले ने दुनिया को मंदी के साये में लाकर खड़ा कर दिया. हालांकि, भारत अपनी घरेलू पैदावार के दम पर दुनिया के बाकी मुल्कों के मुकाबले महंगाई से लड़ने में कामयाब रहा है. मंदी के खतरे से भी कहीं दूर खड़ा है.
मंदी के खतरे से सुरक्षित भारत
ब्लूमबर्ग और SBI रिसर्च की रिपोर्ट में भारत को मंदी के खतरे से सुरक्षित करार दिया है. भारत अब दुनियाभर के तरक्की करने वाले देशों की रेस में काफी आगे निकलने के लिए तैयार है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से भी तेज रफ्तार से तरक्की करने के संकेत भारतीय अर्थव्यवस्था दे रही है. मॉर्गन स्टेनली की हालिया रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया गया है कि 2022-23 में भारत एशिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर उभर सकता है.
घरेलू डिमांड के दम पर आएगी तेजी
मॉर्गन स्टेनली के इकोनोमिस्ट के मुताबिक, भारत की तरक्की की सबसे बड़ी वजह घरेलू डिमांड है. भारत में होने वाले ज्यादातर सामान का उत्पादन घरेलू बाजारों में ही खप जाता है. इसका अंदाजा कार बाजार को देखकर आसानी से लगा जाता है. दरअसल, पहले से अनुमान था कि इस साल कारों की बिक्री रिकॉर्ड तोड़ेगी, लेकिन जो आंकड़े सामने आए वे अनुमान से भी अधिक थे.
अब नए अनुमान के मुताबिक, कारों की बिक्री पिछले अनुमान से भी 25 लाख ज्यादा हो सकती है. इसमें कार, UV और वैन की कुल बिक्री 2022 में 36 से 37 लाख होने का अनुमान है. ये आंकड़ा 2021 के मुकाबले 17 से 20 फीसदी ज्यादा है. यही नहीं अगस्त-नवंबर के दौरान 13 लाख कारों की बिक्री के आसार हैं. इससे ऑटो कंपनियों को 1 लाख करोड़ का टर्नओवर हासिल हो सकता है.
7 फीसदी रहेगी विकास दर
आंकड़ों की बात करें, तो मार्गन स्टेनली ने अनुमान जताया है कि 2022-23 में भारत की औसत विकास दर (Growth Rate) 7 फीसदी रह सकती है. एशियाई विकास दर में इसका योगदान 28 फीसदी होगा और वैश्विक विकास दर में भारत की भागीदारी 22 फीसदी होगी. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत कोरोना महामारी से उबरते हुए पेंट अप डिमांड यानी रुकी हुई मांग के दम पर 10 साल की सबसे तेज ग्रोथ दर्ज करेगा. पेंटअप डिमांड की वजह से ही भारत में कारों समेत कई तरह के सामानों की बिक्री इस बार नए रिकॉर्ड कायम कर सकती है. यही वजह है कि कारों की बिक्री का अनुमान पहले के मुकाबले 25 लाख बढ़ गया है.
भारत में दूसरे देशों से कम महंगाई
Inflation को लेकर लगातार चिंताएं जताई गई हैं. RBI ने लगातार तीन बार रेपो रेट में इजाफा किया है. इसके बावजूद आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत में महंगाई दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है. यहां तक की भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा महंगाई दर है. अमेरिका में तो महंगाई दर ने 40 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए. यूरोप में भी ब्रिटेन समेत कई देशों में महंगाई लोगों पर कहर बनकर टूट पड़ी है. लेकिन भारत में ये RBI के टारगेट 6 फीसदी से केवल थोड़ा ही ऊपर है.