पटना
‘जब आपको लगता है कि आप बिहार कुछ समझ गए हैं तो बिहार आपको झटका देता है’। दरअसल यह डायलॉग एक फिल्म का है। जो बिहार की राजनीति पर यह इस वक्त बखूबी फिट बैठता है। अब देखिए ना! एक तरफ बीजेपी के ऑपरेशन लोटस की चर्चा थी। बिहार के राजनीतिक पंड़ित इसी राजनीतिक कयास में लगे थे कि बिहार में बीजेपी ऑपरेशन लोटस कैसे सफल कराने वाली है। माना जा रहा था बीजेपी आरसीपी के कंधे पर बंदूक रख कर चलाएगी और विधायकों पर निशाना लगाएगी। मगर ऐसा हुआ नहीं। आरसीपी के कंधे पर रखी बंदूक ‘बैक फायर’ कर गई। आरसीपी का कंधा तो टूटा ही, पूरी की पूरी बीजेपी झुलस गई।
ऑपरेशन लोटस का जवाब, तेजस्वी पार्ट 2 से
माना जा रहा था बीजेपी आने वाले दिनों में ऑपरेशन लोटस सफल बना लेगी। लेकिन नीतीश कुमार ने बीजेपी की चाल का पलटते हुए तेजस्वी पार्ट 2 से इसका जवाब दिया। मंगलवार को NDA से अलग होकर नीतीश कुमार ने महागठबंधन का दामन थाम लिया। बुधवार को महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव के साथ नीतीश कुमार ने दोबारा शपथ लेकर बीजेपी को बता दिया कि बिहार में उनसे बड़ा राजनीतिक, रणनीतिकार कोई और नहीं है।
चिराग मॉडल से सतर्क नीतीश ने नहीं बनने दिया दूसरा शिंदे
बिहार में महाराष्ट्र वाली स्थिति नहीं बन पाई। जानकार ये मानते हैं महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के पैरों तले सत्ता की जमीन खिसका कर एक नाथ शिंदे ने उनकी ही पार्टी के साथ खेल कर दिया। बिहार में भी वही खेल होने वाला था। आरसीपी सिंह ‘शिंदे’ हो सकते थे। मगर राजनीति में माहिर नीतीश ने 2020 में चिराग मॉडल का स्वाद चख रखा था। कोई भी गलती उनके लिए नुकसान दायक हो सकती थी। जानकार मानते हैं नीतीश कुमार के रहते ये खेल उनके साथ हो भी नहीं सकता था। बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सबसे लंबे समय तक राज करने का श्रेय नीतीश कुमार को जाता है।
2024 में मोदी के लिए बनेंगे चुनौती?
दरअसल, नीतीश कुमार महत्वाकांक्षी होने के साथ अच्छी कूटनीतिज्ञ भी हैं। शरद यादव, जार्ज फर्नाडिस और लालू प्रसाद यादव जैसे नेताओं के बीच अपने आपको मजबूत बनाए रखना कोई आसान बात नहीं थी। वहीं, बिहार की पल पल बदलती राजनीति में लगभग 18 सालों में लगातार 8 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना उससे भी मुश्किल है। ऐसे में माना जा रहा है अगर नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में जाते हैं और प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाए जाते हैं तो यकीनी तौर पर वो प्रधानमंत्री मोदी के चुनौती देने लायक स्थिति बन सकती है। वैसे अभी 2024 की तैयारी के लिए पर्याप्त वक्त है।