बिहार में BJP को लगा सियासी झटका, तो झारखंड में सुरक्षित हुई हेमंत सरकार?

रांची,

झारखंड में सत्ता में मौजूद हेमंत सरकार को बिहार में घटे सियासी घटनाक्रम के बाद एक उम्मीद जागी है. हेमंत सरकार का मानना है कि बिहार में बीजेपी को लगे झटके के बाद यहां की सरकार अब सुरक्षित है. सरकार गिराने की कोशिश पे ब्रेक लगेगा और अब ये हेमंत सरकार भी अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि अब बिहार और झारखंड में आने वाले 2024 के चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन अच्छा रहेगा. बिहार में महागठबंधन के पावर में आते ही झारखंड में भी सत्तारूढ़ घटक राजद समेत कांग्रेस का कॉन्फिडेंस लेवल आसमान छू रहा है.

कांग्रेस पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा था कि अब महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश और कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में भी महागठबंधन की सरकार लौटेगी. वहीं भूपेश बघेल ने कहा कि दूसरे के लिए खड्डे खोदने वाली भाजपा खुद अपने बनाए खड्डे में गिर गई. झारखंड में वो सरकार गिराना चाहती थी, लेकिन बिहार में उसकी खुद की सरकार गिर गई. बीजेपी के घटकों का उससे मोह भंग क्यों हो रहा है यह उसे सोचना चाहिए.

वहीं राजद का मानना है कि बिहार का घटनाक्रम भाजपा के लिए सबक है कि जहां उसकी सरकार है वो उसपे ज्यादा ध्यान दे और उसको बचाने में ऊर्जा लगाए बजाय जहां सरकार नहीं है उसे गिराने में ध्यान लगाए. यहां की सरकार 5 साल रहने के लिए है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर का मानना है कि पूरे देश में महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार परोसने वाली केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ जनता ने मन बना लिया है. इसको नीतीश कुमार ने समय रहते समझा. 2024 में दोनो जगहों को मिलाकर वो दावा करते हैं कि 54 में से 50 सीट यूपीए के पाले में आएंगी. जिसका असर मध्य प्रदेश तक दिखेगा.

उन्होंने कहा कि बिहार अब पूरे देश की दशा और दिशा तय करेगा. अब बीजेपी से कई सवाल 2024 में पूछे जाएंगे. हालांकि झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से फिलहाल 1 सीट कांग्रेस और 1 सीट जेएमएम के पास है, बाकी 11 बीजेपी और 1 AJSU के पास है. ऐसे में इस समीकरण में आगामी 2024 के चुनाव में बिहार में हुई सियासी उठापटक का असर देखने को मिलता है या नहीं, इस पर सभी की नजर बनी हुई है.

बता दें कि बिहार में नई सरकार में सीएम के रूप में जेडीयू के नीतीश कुमार तो उपमुख्यमंत्री के रूप में आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव शपथ ले चुके हैं. ऐसे में अब बिहार की नई कैबिनेट को लेकर मंथन जारी है. माना जा रहा है कि 16 अगस्त को नीतीश-तेजस्वी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हो सकता है. वहीं अब सरकार में शामिल सभी पार्टियों में विभागों को लेकर होड़ सी मची है.

जानकारी के मुताबिक जेडीयू ने आरजेडी के कोटे में 17 मंत्रालय देने का मन बना लिया है. तो दूसरी तरफ जेडीयू अपने पिछले सभी मंत्रियों को एक बार फिर पद देने का मन बना रही है. बताया जा रहा है कि आरजेडी ने कांग्रेस के लिए भी मंत्रिपद की मांग की है. आरजेडी ने कांग्रेस के लिए तकरीबन तीन से चार मंत्री पद मांगे हैं. ऐसे में बिहार में कांग्रेस के लिए यह खुशखबरी हो सकती है. वहीं विधानसभा स्पीकर को लेकर भी माथापच्ची जारी है. माना जा रहा है कि आरजेडी विधानसभा स्पीकर का पद भी अपने पाले में रखना चाहती है.

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