बिहार में मंत्री पद और विभागों के लिए जोर आजमाइश, जानिए- महागठबंधन के 7 दलों में कौन क्या चाह रहा?

पटना,

बिहार में मंत्रालयों के बंटवारों को लेकर मंथन जारी है. माना जा रहा है कि 16 अगस्त को नीतीश-तेजस्वी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हो सकता है. सरकार में शामिल सभी पार्टियों में विभागों को लेकर होड़ सी मची है. विभागों के बंटवारे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की बैठक होगी, इसके बाद ही सब कुछ तय होगा. कांग्रेस में मंत्रियों की लिस्ट पर आखिरी मुहर पार्टी आलाकमान की लगेगी. ऐसे में विधायक पार्टी आलाकमान को पत्र लिखकर मंत्री बनाने की मांग करने में जुट गए हैं.

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन में इस बार छोटे-बड़े मिलाकर कुल सात दल शामिल हैं. वहीं सात दलों की ओर से 164 विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी नीतीश कुमार ने राज्यपाल को मंगलवार को सौंपी थी. ऐसे में माना जा रहा है कि विभागों के बंटवारे में खींचतान भी देखने को मिल सकती है. HAM पार्टी के जीतनराम मांझी पहले ही इसे लेकर नाराजगी जता चुके हैं.

मांझी हुए नाराज!
जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी को लेकर नाराज बताये जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ मंत्रियों की भी शपथ होनी चाहिए थी. मांझी अपने लिए दो मंत्रालय मांग रहे हैं. जीतन राम मांझी बीजेपी के साथ गठबंधन वाली सरकार में भी शामिल थे. तब उनकी पार्टी के पास लघु सिंचाई और एससी-एसटी कल्याण विभाग था.

गृह मंत्रालय पर फंसा पेंच
नीतीश सरकार में गृह मंत्रालय ही ऐसा विभाग है, जिस पर सबसे ज्यादा पेंच फंसा है. अभी तक की सरकारों में नीतीश कुमार गृह मंत्रालय अपने पास रखते आए हैं. पहले कहा जा रहा था कि इस बार भी ये मंत्रालय नीतीश कुमार को ही मिलेगा, इसे लेकर सहमति बन गई है. हालांकि, अब चर्चा है कि तेजस्वी यादव भी गृह मंत्रालय के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं. उधर, तेज प्रताप ने मंत्रालय मांगना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें पिछली बार की तरह स्वास्थ्य मंत्रालय ही दिया जाए.

कांग्रेस में पद पाने की होड़
कांग्रेस को नीतीश सरकार में 4-5 मंत्रिपद मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में कांग्रेस में पद पाने के लिए होड़ मची हुई है. भक्तचरण दास लिस्ट लेकर दिल्ली पहुंचे हैं. उधर, कांग्रेस के खगड़िया से विधायक छत्रपति यादव ने आलाकमान को पत्र लिख खुद को मंत्री बनाए जाने की मांग की है. हालांकि, आखिरी मुहर पार्टी आलाकमान की ही लगेगी. उधर, कांग्रेस नेता प्रतिमा दास ने कहा कि कांग्रेस ने किसी भी पद के लिए कोई दावेदारी नहीं की. हालांकि, पार्टी आलाकमान कि सब पर नजर है. और हाईकमान का फैसला ही सर्वोपरि है.

उधर, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने एक कदम आगे बढ़कर महागठबंधन सरकार में हिस्सेदारी की मांग कर दी है. अजीत शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस को कम से कम 4 सीटें मंत्री पद की मिलनी ही चाहिए. क्योंकि विधायकों की संख्या के आधार पर कांग्रेस का इतना हक बनता है.

कैसे बनेगी बात?
कहा ये भी जा रहा है कि बिहार में पुराने फॉर्मूले पर ही बात बन सकती है. यानी गृह मंत्रालय समेत जो विभाग जदयू के पास थे, वे इस बार भी जदयू के पास रहेंगे. जबकि जो विभाग बीजेपी के पास थे, उन्हें राजद और कांग्रेस को दिया जा सकता है. जबकि मांझी के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

किस पार्टी को कितने विभाग दिए जाएंगे, इस पर 2015 के फॉर्मूले से बात बन सकती है. इसके मुताबिक, पार्टियों को 5 विधायक पर एक मंत्रिपद दिया जा सकता है. इसके मुताबिक, नीतीश कुमार की पार्टी को करीब 10, राजद को 15 और कांग्रेस को चार मंत्री पद मिल सकते हैं.

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