नई दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोरोना केस के बीच मंकीपॉक्स भी डराने लगा है। दिल्ली में मंकीपॉक्स का 5वां मामला आया है, जिसमें 22 वर्षीय अफ्रीकी महिला संक्रमित पाई गई है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। महिला ने पिछले महीने नाइजीरिया की यात्रा की थी। उसे 2 दिन पहले लोकनायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया और शुक्रवार रात आई उसकी रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई।
लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के एमडी सुरेश कुमार ने कहा कि मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद महिला के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जो पॉजिटिव आए हैं। उन्होंने बताया कि महिला अभी डॉक्टरों की निगरानी में है। राष्ट्रीय राजधानी में 5 मामलों में से एक मरीज को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 4 अन्य का अस्पताल में इलाज जारी है।
मंकीपॉक्स से ऐसे निपट रही दिल्ली सरकार
मंकीपॉक्स के पॉजिटिव केस के मद्देनजर, दिल्ली सरकार ने 3 निजी अस्पतालों को मंकीपॉक्स के मामलों के प्रबंधन के लिए कम से कम 10 आइसोलेशन रूम बनाने का निर्देश दिया है। दिल्ली में 24 जुलाई को पहला मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था। जबकि देश में 14 जुलाई को केरल के कोल्लम जिले में पहले मंकीपॉक्स मामले की पुष्टि की गई थी।
डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स वायरस के वेरिएंट को नए नाम दिए
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स वायरस के वेरिएंट के लिए नए नामों की घोषणा की है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, यह किसी भी सांस्कृतिक या सामाजिक अपराध से बचने के लिए है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ की ओर से बुलाई गई वैश्विक विशेषज्ञों के एक ग्रुप ने नए नामों पर फैसला किया है। विशेषज्ञ अब मध्य अफ्रीका में पूर्व कांगो बेसिन क्लैड (प्रकारों का समूह) को क्लैड क और पूर्व पश्चिम अफ्रीकी क्लैड को क्लैड-2 के रूप में संदर्भित करेंगे। उत्तरार्द्ध में दो उप-वर्ग शामिल हैं, क्लैड-2एबी और क्लैड-2एबी, जिनमें से क्लैड-2एबी 2022 के प्रकोप के दौरान परिसंचारी वेरिएंट का मुख्य समूह था। वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि क्लैड के लिए नए नामों का तुरंत इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
जानें कब वायरस का नाम मंकीपॉक्स रखा गया
मंकीपॉक्स वायरस का नाम तब रखा गया था, जब इसे पहली बार 1958 में खोजा गया था। प्रमुख प्रकारों की पहचान उन भौगोलिक क्षेत्रों द्वारा की गई थी, जहां इसका प्रकोप फैला था। डब्ल्यूएचओ ने आधिकारिक तौर पर जुलाई के अंत में घोषणा की कि इस समय बहु-देशीय मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतर्राष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन गया है। बुधवार को प्रकाशित मंकीपॉक्स के प्रकोप पर डब्ल्यूएचओ की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के 89 देशों और क्षेत्रों में अब तक 27,814 प्रयोगशाला-पुष्टि के मामले सामने आए हैं, और इस बीमारी से 11 मौतें हुई हैं, जिसमें यूरोप और अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।