नीतीश के बाद अखिलेश भी PM कैंडिडेट की रेस में! सांसद ने बताया परफेक्ट मैटीरियल

मुरादाबाद/लखनऊ

बिहार में सत्ता का स्वरूप बदलते ही देश की राजनीति में भी हलचल शुरू हो गई है। नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ते हुए आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बना ली है। इसके साथ ही जेडीयू नेता नीतीश के प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल होने की खबरें भी चलने लगी हैं। हालांकि वह अकेले नहीं हैं, जिसे विपक्षी एकता की तरफ से प्रत्याशी बताया जा रहा है। ममता बनर्जी, शरद पवार के साथ ही अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी इस रेस में होने की सुगबुगाहट देखी जा रही है।

उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद एस. टी. हसन ने अखिलेश यादव के पीएम कैंडिडेट होने की रेस को लेकर सवाल पर बात रखी। उन्होंने कहा, ‘अखिलेश अभी प्रधानमंत्री पद के लिए रेस में नहीं हैं। लेकिन अगर सपा के सांसदों की तादात अधिक हुई तो फिर अखिलेश रेस में रहेंगे। उनमें कोई कमी नहीं है। वह पीएम के लिए परफेक्ट कैंडिडेट हैं।’

उन्होंने कहा, ‘अगर लोकसभा चुनाव में यूपी की 70 या उससे अधिक सीटों पर सपा सांसद जीतते हैं तो फिर अखिलेश यादव का हक बनता है। लेकिन विपक्षी एकता का ख्याल भी रखना पड़ेगा। सबसे जरूरी बात है कि सारे विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ें और बाद में मिलकर तय करें कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा।’ गौरतलब है कि नीतीश कुमार को पीएम पद की रेस में बताया जा रहा है।

हसन ने बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर कहा कि देश में हर जगह बेईमानी से सरकार बनाई जा रही है और ऐसा ही कुछ बिहार में भी होने वाला था। महाराष्ट्र जैसा किस्सा बिहार में भी दोहराया जा सकता था और इसके लिए नीतीश कुमार के विधायकों को लालच भी दिया जा रहा था। लेकिन इस बार बीजेपी को सबक सिखाने का काम किया गया। बहुत अच्छा हुआ और विपक्ष की जीत हुई।

इससे पहले अखिलेश यादव ने 2024 में नीतीश कुमार की उम्मीदवारी के सवाल को टाल दिया था। अखिलेश ने जवाब देते हुए कहा, ‘देखिए मैं इतनी बड़ी राजनीति तो नहीं करता हूं। लेकिन 2024 में देश को एक चेहरा जरूर मिलेगा। वह चेहरा कौन होगा, मैं नहीं जानता। लेकिन चेहरा मिलेगा जरूर। बीजेपी को अगर रोका जा सकता है तो प्राथमिक तौर पर उत्तर प्रदेश से ही हो सकता है। यूपी में सपा ही बीजेपी का मुकाबला करेगी। क्योंकि यहां कई दल ऐसे हैं, जो बीजेपी से ही मिले हुए हैं। हमारे सामने चुनौती बड़ी है। 2014 में अगर यूपी में बीजेपी रूक गई होती तो देश में इनकी सरकार नहीं बनती।’

वहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जिस तरह बिहार में प्रमुख विपक्षी दल जेडीयू और राजद, भाजपा के खिलाफ अपने मतभेदों को दरकिनार कर साथ आए हैं, वैसा यूपी में तभी संभव है, जब यहां के नेता बिहार की तरह परिपक्वता दिखाएं। देश में अगले लोकसभा चुनाव में 2024 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी चेहरे के रूप में उभरने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, शिवपाल ने कोई साफ जवाब नहीं दिया।

About bheldn

Check Also

मुंबई से प्लेन में बैठ बिहार आया, दरभंगा एयरपोर्ट पर लैंड करते ही ‘750’ के फेर में फंसा

दरभंगा दरभंगा एयरपोर्ट पर मुंबई से आये एक पैसेंजर को पकड़ा गया है। पैसेंजर के …