2024 में PM मोदी को ज्यादा चुनौती कौन देगा- राहुल या नीतीश? सुशील मोदी ने दे दिया जवाब

पटना

नीतीश कुमारके एनडीए छोड़कर राजद के साथ जाने के बाद बिहार में सियासी पर घमासान चरम है। बीजेपी की ओर से लगातार नीतीश कुमार जुबानी हमले किए जा रहे। बीजेपी उन पर धोखा देने के आरोप लगा रही है। इधर जेडीयू के नेता नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बता रहे हैं। इस बीच जेडीयू ने साफ कह दिया कि नीतीश कुमार में वो माद्दा है कि वो देश में बिखरे विपक्ष को एकजुट कर 2014 में बीजेपी को कड़ी शिकस्त दे सकते हैं। यानि पीएम की लड़ाई में नीतीश कुमार चेहरा हो सकते हैं। वहीं कांग्रेस के नेता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पीएम पद का चेहरा मानती हैं। कांग्रेसियों का मानना है कि अगर केंद्र की लड़ाई लड़ी जाए तो उसका नेतृत्व केवल कांग्रेस कर सकती है क्योंकि यह राष्ट्रीय पार्टी है। अब सवाल उठता है कि 2024 में नरेंद्र मोदी को ज्यादा चुनौती कौन देगा- राहुल गांधी या नीतीश कुमार? तो इस सवाल का जवाब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने दे दिया है।

एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में जब सुशील मोदी से सवाल किया गया कि ‘2024 में नरेंद्र मोदी को ज्यादा चुनौती कौन देगा- राहुल गांधी या नीतीश कुमार?’, सुशील मोदी ने इस सवाल का मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि इन दोनों में से कोई भी पीएम नरेंद्र मोदी को 2024 में चुनौती नहीं दे पाएगा। सुशील मोदी से जब पूछा गया कि कोई तो होगा जो थोड़ी बहुत चुनौती पीएम मोदी को दे सके? इस पर सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है। उसका सभी राज्यों में जनाधार है। इस नाते अगर कोई थोड़ी बहुत चुनौती दे सकता है तो राहुल दे सकते हैं।

सुुशील मोदी ने कहा कि आपको यह बात हजम नहीं होगी कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी बचाने के लिए फिर लालू प्रसाद की शरण में गए। जदयू न तो राजद- कांग्रेस जैसा वंशवादी है, न भाजपा की तरह संगठन आधारित। नीतीश कुमार के बाद इसका कोई भविष्य नहीं। यह पार्टी राजद में विलय करेगी या विलीन हो जाएगी।

जेडीयू के आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि निजी महत्वाकांक्षा के लिए जनादेश से विश्वासघात पर पर्दा डालने के लिए नीतीश कुमार बेमतलब की बातें कहने लगे। भाजपा गठबंधन धर्म का पालन करती है, किसी को तोड़ती नहीं है।

‘जदयू में नीतीश कुमार की इच्छा के खिलाफ कुछ नहीं होता’
वहीं आरसीपी सिंह के केंद्र में नीतीश की बिना मर्जी के मंत्री बनने के सवाल पर सुशील मोदी ने कहा कि जदयू में नीतीश कुमार की इच्छा के खिलाफ कुछ नहीं होता है। आरसीपी सिंह अगर उनकी इच्छा के विपरीत केंद्रीय मंत्री बने थे तो 13 महीनों तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उनकी सदस्यता समाप्त क्यों नहीं की गई? यह सब आरोप बेबुनियाद हैं।

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