जेल में बंद आनंद मोहन बिना बेल के परिवार से मिलने कैसे पहुंचे? तस्वीरें हुई वायरल

सहरसा

बिहार की सियासत में अभी BJP-JDU के ब्रेकअप से उठा सियासी ‘तूफान’ थमा भी नहीं था कि सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन को लेकर नया ‘बवाल’ शुरू हो गया। दरअसल बाहुबली आनंद मोहन की कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन फोटो में बाहुबली आनंद मोहन अपनी पत्नी लवली आनंद और बेटे के साथ नजर आ रहे हैं। जेल में बंद कोई कैदी बिना बेल के कैसे अपने घर जा सकता है? फोटो वायरल होने पर बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं इसको लेकर बीजेपी ने नीतीश के नेतृत्व में बनी नई महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए इसे जंगलराज की वापसी बताया है।

यह है पूरा मामला
दरअसल पूर्व सांसद आनंद मोहन को एक मामले में पेशी के लिए गुरुवार को सहरसा जेल से पटना सिविल कोर्ट लाया गया था। जेल मैनुअल के मुताबिक, अगर किसी कैदी को कोर्ट में पेशी के लिए लाया जाता है तो उन्हें कोर्ट परिसर में बने हाजत में रखा जाता है। इस दौरान कैदी पुलिस कस्टडी में ही रहता है। आनंद मोहन के बेटे ने बताया कि कोर्ट से वापस लौटते हुए दीघा होकर जाने का यही रास्ता है। चांद मेमोरियल अस्पताल में पूर्व सांसद गए थे, वहां से बाहर आने पर कुछ कार्यकर्ताओं से मिले थे। इसी दौरान की तस्वीर ली गई। चांद मेमोरियल का रोड क्रॉस करके उनका आवास है। वहां भी आनंद मोहन गए थे। आनंद मोहन को देखकर कुछ लोग आए फोटो खिंचवाई। इसी दौरान ली गईं तस्वीरें वायरल हो गईं। पटना के एमएलए कॉलोनी में आनंद मोहन के नजर आने पर सियासी पारा चढ़ने लगा है।

बीजेपी ने बोला नीतीश सरकार पर हमला
आनंद मोहन की वायरल तस्वीर को लेकर बीजेपी ने हमला बोला है। बीजेपी नेता अरविंद कुमार ने कहा, ‘आनंद मोहन की जेल की अवधि समाप्त होने के बावजूद सरकार ने उन्हें जेल में रखा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन, बिना जमानत के आनंद मोहन का परिवार से मिलना और भी दुर्भाग्यपूर्ण है। अब इस तरह की घटनाएं राज्य में होती रहेंगी। यह बिहार में जंगल राज की वापसी का ट्रेलर है, पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है।

आनंद मोहन के बेटे ने दी सफाई
बाहुबली आनंद मोहन के बेटे आरजेडी विधायक चेतन आनंद से एनबीटी ऑनलाइन की टीम ने बात की तो उन्होंने कहा कि इसे मुद्दा बनाया जा रहा। उन्होंने फोन पर बात करते हुए उठाए जा रहे सभी सवालों को खारिज कर दिया। आरजेडी विधायक ने कहा कि कोर्ट से वापस लौटते हुए दीघा होकर जाने का यही रास्ता है। जब आनंद मोहन को ले जाया जा रहा था, इसी दौरान सिर में दर्द होने लगा तो चांद मेमोरियल अस्पताल में डॉक्टर से टेस्ट कराने पहुंचे। चांद मेमोरियल के दूसरी साइड आवास है तो लोगों को देखकर इधर चले आए। लेकिन नेताओं संग मीटिंग करने की बाद बेबुनियाद है।

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