जालोर,
राजस्थान के जालोर में एक दलित बच्चे की टीचर के पिटाई करने के बाद हुई मौत के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया है. घटना जालोर के सुराणा गांव की है जहां हालात को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट बंद कर दिया है. पुलिस ने भी इलाके में गश्त बढ़ा दी है.
ये घटना 20 जुलाई को गांव के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की है. यहां तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के एक दलित बच्चे के मटका छूने पर स्कूल के संचालक छैल सिंह ने उसकी पिटाई कर दी थी. बच्चे को जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी किया गया. बच्चे ने जिस मटके से पानी पिया था, वो अध्यापक छैल सिंह के लिए अलग से रखा हुआ था. दलित बच्चे के इसे छूने से आगबबूला टीचर ने उसके साथ मारपीट की. इससे उसके दाहिने कान और आंख में अंदरूनी चोटें आई थीं.
पुलिस इस मामले में टीचर को गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ खिलाफ जातिसूचक शब्द से अपमानित करने और मारपीट के बाद छात्र की हत्या का मामला दर्ज किया है.
दलित बच्चे की मौत के बाद रविवार को गांव में तनाव देखा गया. यहां शाम सवा चार बजे के आसपास दलित बच्चे के परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों की पुलिस के साथ झड़प हुई. फिर हालात ऐसे बने कि स्थानीय लोग, जिनमें ज्यादातर दलित समुदाय से हैं, उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस ने बवाल थामने के लिए लाठीचार्ज किया. इस पूरे प्रकरण में मृतक बच्चे के पिता देवाराम मेघवाल को चोटें आई हैं. जबकि दर्जनभर लोग घायल हुए हैं. वहीं पुलिस ने भीम आर्मी के कई लोगों को हिरासत में लिया है.
दरअसल पुलिस मृतक बच्चे के परिवार को एक नोटिस देने यहां पहुंची थी, ताकि वो उन पर बच्चे के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव बना सके. लेकिन मामले में स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप किया जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई.
इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जानकारी दी थी कि आरोपी शिक्षक के विरुद्ध हत्या व SC/ST एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की जा चुकी है. मामले की तेजी से जांच और दोषी को जल्द सजा के लिए इसे केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है. उन्होंने मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने का भी ऐलान किया है.