नई दिल्ली
बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम का असर दिल्ली तक दिख रहा है। एक तरफ पटना में आज नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ है तो वहीं दिल्ली में भाजपा बैठक कर रही है। बिहार भाजपा की कोर कमिटी की बैठक में होम मिनिस्टर अमित शाह भी पहुंचे हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी बात हो सकती है। इसके अलावा पार्टी विपक्ष में कैसे काम करेगी इस पर भी मंथन चल रहा है। यही नहीं विधानसभा और विधानपरिषद में नेता विपक्ष के चयन को लेकर भी बात होनी है।
इस बैठक में होम मिनिस्टर अमित शाह के अलावा जेपी नड्डा भी मौजूद हैं। वहीं बिहार भाजपा के सीनियर नेताओं को भी दिल्ली बुलाया गया है। इन नेताओं में सुशील मोदी, अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह, शाहनवाज हुसैन शामिल हैं। नीतीश कुमार ने बीते सप्ताह ही भाजपा का साथ छोड़कर आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने का ऐलान किया था। अगले ही दिन नीतीश कुमार ने सीएम और तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली थी और अब आज सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ है। नीतीश कुमार के अलग होने के बाद भाजपा बिहार में नए सिरे से अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी है।
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि पार्टी का एक वर्ग नीतीश के अलगाव को सकारात्मक मान रहा है। दरअसल इन नेताओं का कहना है कि नीतीश के जाने के बाद भाजपा पूरे बिहार में खुलकर सक्रिय होगी और हर सीट पर अपनी जमीन को मजबूत कर सकेगी। पहले ही भाजपा ने राज्य की 200 विधानसभा सीटों पर प्रवास का कार्यक्रम तय किया था। कहा यह भी जाता है कि भाजपा के इस आक्रामक प्लान ने भी नीतीश कुमार को असहज कर दिया था। भाजपा नेताओं का एक वर्ग मानता है कि नीतीश कुमार को मौका देने की बजाय अपनी लीडरशिप और अपनी ही मौजूदगी हर सीट पर बढ़ाने की जरूरत है।