पटना
नीतीश कुमारबिहार एनडीए से अलग हो चुके हैं। बिहार में एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बन चुकी है। नीतीश कुमार एनडीए अलग क्यों हुए, इसका जिक्र तो जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और नीतीश कुमार खुद कर चुके हैं। लेकिन पटना में जो चर्चा है, उसे जानकर आप भी हैरान हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि अमित शाह जब पटना आए थे, तो उन्होंने नीतीश कुमार से फोन पर बात की थी। उस दौरान नीतीश कुमार ने अमित शाह के सामने कुछ शर्त रख दी। कहा तो ये भी जा रहा है कि अमित शाह नीतीश कुमर की लगभग सभी शर्तों को मान भी लिया था। बावजूद, इसके नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए।
दरअसल, 9 अगस्त को नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए थे। इससे पहले आरसीपी प्रकरण को लेकर जेडीयू बीजेपी पर हमलावर थी। सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिर आरसीपी और चिराग का नाम लेकर हमला बोल रही थी। नीतीश कुमार ने जैसे ही एनडीए से अलग होने का ऐलान किया, जेडीयू नेता बीजेपी पर अक्रामक हो गए। नीतीश कुमार ने भी खुलकर कह दिया कि बीजेपी जेडीयू को कमजोर करने की कोशिश कर रही थी। जेडीयू नेताओं को आगे कर पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा था। हालांकि नीतीश कुमार के बयान का बीजेपी ने खंडन भी किया। सुशील मोदी ने तो यहां तक कह दिया कि अगर जेडीयू के सभी विधायक भी बीजेपी में शामिल हो जाते, तब भी हम सरकार नहीं बना सकते थे, ऐसे में जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वो बेबुनियाद है।
पटना में चर्चाओं का बाजार गर्म
खैर, बीजेपी और जेडीयू की राहें तो अलग हो चुकी है, इन सबके बीच पटना में चर्चाओं का बाजार गर्म है। चर्चा ये है कि अमित शाह जब पटना आए थे तो उन्होंने नीतीश कुमार से फोन पर बात की थी। ये कहना है बिहार वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेल्लारी का। एक न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए कन्हैया भेल्लारी ने कहा कि अमित शाह ने नीतीश कुमार से फोन पर बात की थी। उस वक्त नीतीश कुमार ने अमित शाह के सामने कुछ शर्त रख दी। नीतीश कुमार ने जो भी अमित शाह के सामने शर्त रखी, उसे केंद्रीय गृहमंत्री ने मान भी लिया था।
नीतीश कुमार की क्या थी शर्त
वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेल्लारी के अनुसार, नीतीश कुमार ने अमित शाह के सामने जो शर्त रखी, उसमे सबसे पहला था बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय सिन्हा को पद से हटाने, बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल को साइड करने, आरसीपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई, सुशील मोदी को वापस बिहार लाने, इसके अलावे कई और शर्त नीतीश कुमार ने अमित शाह के सामने रखी थी, जिसे अमित शाह ने मान भी लिया था। हालांकि कन्हैया भेल्लारी ये भी कहते दिखे कि ये सब चर्चा है, दावा नहीं कर रहे हैं।
अलग क्यों हो गए नीतीश?
कन्हैया भेल्लारी से पूछा गया कि जब नीतीश कुमार की सभी शर्त अमित शाह मान गए, तो जेडीयू एनडीए से अलग क्यों हुई? इस सवाल के जवाब में कन्हैया भेल्लारी कहते हैं कि नीतीश कुमार को लगा अभी मौका बढ़िया है। प्रदानमंत्री पद के लिए दावेदारी किया जा सकता है। ममता बनर्जी फंस गईं हैं। गांधी परिवार का भी हाल कुछ ऐसा ही है। ऐसे में नीतीश कुमार को लगा कि पूरा मैदान खाली है। ये मौका हाथ से नहीं जाना चाहिए। यही कारण है कि नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए।