पटना
बिहार की राजनीति में लालू यादव ने एमवाई समीकरण के जरिए 15 साल तक लगातार राज किया है। उसी समीकरण के लिए सहारे 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू यादव की पार्टी ने फिर से वापसी की थी। अब पार्टी की बागडोर तेजस्वी यादवों के हाथों में है। तेजस्वी दूसरी बार महागठबंधन की सरकार में डेप्युटी सीएम बने हैं। महागठबंधन-2 में कैबिनेट विस्तार होने वाला है। संभावित मंत्रियों की सूची सामने आ गई है। तेजस्वी यादव को भी पिता लालू यादव के बनाए वोट बैंक से ही आस है। उन्होंने अपनी कैबिनेट में मुस्लिम और यादव विधायकों को तवज्जो दी है। संभावित सूची के अनुसार आरजेडी कोटे से दो मुस्लिम विधायक मंत्री बनाए जा रहे हैं।
आरजेडी कोटे से 15 लोग नीतीश कैबिनेट में शामिल होंगे। संभावित मंत्रियों की सूची में दो मुस्लिम चेहरों का नाम है। इसमें एआईएमआईएम छोड़कर आए विधायक शाहनवाज का नाम भी शामिल है। वह अररिया के जोकीहाट से विधायक हैं। साथ ही तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं। इसके साथ ही समस्तीपुर से अख्तरुल इस्लाम शाहीन भी संभावित सूची में शामिल हैं।
संभावित नामों को देखें तो आरजेडी कोटे से दो मुस्लिम विधायक मंत्री बनने जा रहे हैं। दरअसल, बीते कुछ सालों से आरजेडी के बेस वोट में बिखराव हो रहा था। मुस्लिम वोटर पार्टी से दूर जा रहे थे। इसी का नतीजा था कि 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के गढ़ में एआईएमआईएम ने चार सीटें जीत ली थीं। साथ ही कुछ सीटों पर आरजेडी को नुकसान भी पहुंचाया था। ऐसे में बिहार की सत्ता पर काबिज रहने के लिए तेजस्वी यादव अपने पिता के वोट को फिर से जोड़ने की तैयारी में जुटे हैं।
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने यादवों विधायकों पर भी खूब विश्वास जताया है। यादव जाति से उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव, सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव, भाई विरेंद्र, ललित यादव, चंद्रशेखर, कुमार सरबजीत और भारत भूषण मंडल है। कुल मिलाकर आरजेडी कोटे से आठ यादव कैबिनेट मंत्री बनने जा रहे हैं।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव इस बार यादवों पर भी मेहरबान है। बिहार की राजनीति में यही एक जाति है, जिसके वोट बैंक में ज्यादा बिखराव नहीं हुआ है। यादव समाज के लोग लालू परिवार के साथ हमेशा खड़ा रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में यादव जाति के लोगों ने एग्रेसिव अंदाज में तेजस्वी यादव का समर्थन किया था। सत्ता में वापसी के बाद तेजस्वी ने अपनी जाति के लोगों को खूब तवज्जो दे रहे हैं।