मुंबई,
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी को फोन कॉल के जरिए मारने की धमकी देने वाले आरोपी विष्णु विभु भौमिक को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 30 अगस्त तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस उससे पूछताछ करके इस मामले की तह तक जाना चाहती है. आइए जानते हैं कि आखिर आरोपी है कौन? मजिस्ट्रेट कोर्ट में वकीलों ने क्या कहा?
कौन है धमकी देने वाला?
मुकेश अंबानी को फोन पर जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी का नाम विष्णु विभु भौमिक है. शातिर विष्णु की उम्र 56 साल है. वह पेशे से एक ज्वेलर है. आरोपी विष्णु विभु भौमिक दक्षिण मुंबई इलाके में अपनी दुकान चलाता है. वह दहिसार का रहने वाला है.
पुलिस के मुताबिक, विष्णु विभु भौमिक ने सोमवार की सुबह 10:39 से दोपहर 12 बजे के बीच एक या दो नहीं बल्कि पूरे 9 बार फोन करके रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को गाली देते हुए जान से मारने की धमकी दी थी. आरोपी विष्णु ने जब रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में फोन करके धमकी दी तो अपना नाम अफजल बताया था. हालांकि पकड़े जाने के बाद उसकी हकीकत सामने आ गई.
आरोपी के खिलाफ डीएम मार्ग थाने में आईपीसी की धारा 506 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय एजेंसियों ने भी इस संबंध में जानकारी ली है.
क्या है आईपीसी की धारा 506
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धारा 506 के अनुसार, जो कोई आपराधिक धमकी देने जैसा अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी. या फिर उस पर जुर्माना (Fine) भी किया जाएगा. फिर उसे दोनों ही प्रकार से दंडित किया जाएगा.
कोर्ट में आरोपी विष्णु की पेशी
धमकी देने वाले आरोपी विष्णु विभु भौमिक को मंगलवार के दिन कोर्ट में पेश किया गया. जहां अभियोजन पक्ष ने आरोपी को 10 दिन की हिरासत में भेजे जाने की मांग की. सरकारी वकील ने कहा कि धमकीभरे कॉल स्वतंत्रता दिवस के दिन किए गए थे, इसके पीछे आरोपी का कोई मकसद है. उसने किसी और दिन ऐसा क्यों नहीं किया?
सरकारी वकील ने कहा कि अंबानी को खतरा है. और आरोपी ने खास तौर पर उन्हें ही क्यों कॉल की? तो यह मामला कोई साधारण मामला नहीं है. यह बहुत ही गंभीर अपराध है. आरोपी बार-बार अपराध करने वाला शख्स है और जिस पर न्यायालय को विचार करना चाहिए. इस मामले से कौन-कौन लोग जुड़े हैं, यह पता लगाने के लिए और विस्तृत जानकारी जुटाने के लिए विस्तृत तकनीकी जांच किए जाने की जरूरत है.
आरोपी के वकील की दलील
आरोपी के वकील ने अदालत ने में कहा कि फोन कॉल सिर्फ हरकिशनदास अस्पताल को की गई है, सीधे किसी व्यक्ति को नहीं. फोन वहां की सिक्योरिटी को किया गया था. मगर ऐसा दर्शाया जा रहा है कि जैसे कॉल सीधे व्यक्ति को की गई थी. वकील ने कहा कि वह व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ है. उनके पास यह दिखाने के लिए प्रमाण पत्र भी मौजूद है कि आरोपी का इलाज एक मनोचिकित्सक के पास चल रहा है.
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपी का मकसद किसी अनहोनी को अंजाम देना नहीं था. उसका इस प्रकार का कोई पिछला रिकॉर्ड भी नहीं है. फिलहाल, दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपी विष्णु विभु भौमिक को 30 अगस्त तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. अब पुलिस आरोपी पूछताछ कर अपने सवालों का जवाब तलाश करेगी.