बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ रिलीज से पहले ही विवादों में आ गई थी। रिलीज के बाद फिल्म को जैसा रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद थी वैसा नहीं मिला। फिल्म ने उम्मीद से बेहद कम बिजनस किया है। अब इस मुद्दे पर एक्टर आर माधवन ने कॉमेंट करते हुए बताया है कि आखिर क्या कारण था कि आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ नहीं चली लेकिन उनकी फिल्म ‘रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट’ लोगों को पसंद आई।
‘आमिर ने बहुत मेहनत की लेकिन…’
हाल में आर माधवन की आने वाली फिल्म ‘धोखा’ का टीजर लॉन्च हुआ है। इस फिल्म में माधवन के साथ अपारशक्ति खुराना, खुशाली कुमार और दर्शन कुमार मुख्य भूमिकाओं में नजर आने वाले हैं। टीजर लॉन्च के मौके पर मीडिया से ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बारे में बात करते हुए माधवन ने कहा कि आमिर ने भी फिल्म के लिए बहुत मेहनत की है लेकिन ऑडियंस अब वर्ल्ड सिनेमा की तरफ चली गई है और फिर उससे तुलना भी करती है।
‘कोई नहीं सोचता कि उसकी फिल्म न चले’
माधवन ने कहा, ‘अगर हमें पता होता तो हम सब हिट फिल्में ही बनाते। कोई भी अपनी फिल्म शुरू करते हुए यह नहीं सोचता है कि वह गलत फिल्म पर काम कर रहा है। हर फिल्म के लिए एक्टर बहुत मेहनत करते हैं। मुझे लगता है कि मेरी फिल्म और Laal Singh Chaddha में थोड़ा अंतर था। मेरी फिल्म एक बायॉपिक थी जो लोगों को कभी भी पसंद आ सकती थी। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कब रिलीज हो रही है।’
‘रीमेक नहीं बना सकता’
माधवन से यह भी पूछा गया कि आखिर वह अपनी फिल्मों का रीमेक क्यों नहीं बनाते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी फिल्मों का रीमेक नहीं बनाता हूं। मुझसे ‘3 इडियट्स’ का तमिल में रीमेक बनाने के लिए कहा गया था, मगर मैंने ऐसा नहीं किया। एक एक्टर के तौर पर यह मेरे लिए बहुत कठिन है कि पहले एक सीन करो और फिर वैसा ही फिर से कुछ करो। मेरे लिए यह असंभव है। हमेशा रीमेका की ऑरिजनल फिल्म से तुलना की जाती है और फिल्म में काम करने का मजा और मेहनत बेकार चली जाती है।’
‘बॉलीवुड की फिल्में बेकार नहीं’
साउथ बनाम बॉलीवुड के मामले पर R Madhavan ने कहा, ‘देखिए, अगर फिल्म अच्छी है तो लोग थिएटर में आएंगे। जब साउथ की बात करते हैं तो हमने अच्छा किया है। बाहुबली 1 और 2, RRR, पुष्पा, केजीएफ 1 और 2 ऐसी फिल्म हैं जिन्होंने हिंदी फिल्मों से भी ज्यादा अच्छा कमाया। लेकिन केवल ये 6 फिल्में ही ऐसी हैं इसे यह नहीं कहा जा सकता है कि बॉलीवुड की फिल्में बेकार हैं। अगर अच्छी फिल्म आएगी तो चलेगी।’