नई दिल्ली,
जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों को वोट देने का अधिकार देने पर महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को बीजेपी ने सियासी प्रयोगशाला बना दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों से हर चीज छीनने में लगी हुई है. पहले उन्होंने गैर संवैधानिक तरीके से 370 छीना और अब चोर दरवाजे की ओर से वोटर्स को लाने में जुट गई है. चुनाव से पहले यहां 25 लाख वोटर्स को बाहर से लाए जा रहे हैं.
महबूबा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी 2024 के बाद संविधान को खत्म कर देगी. देश में से राष्ट्रीय ध्वज को हटाकर भगवा झंडा लहरा दिया जाएगा. ये लोग मुल्क को बीजेपी राष्ट्र बनाना चाहते हैं. उन्हें हिंदू राष्ट्र से कोई मतलब नहीं है. यहां के हिंदुओं को अंदाजा नहीं है कि ये लोग कैसा बीजेपी राष्ट्र बनाएंगे. इसीलिए राज्यों की चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में अभी जो कर रहे हैं वो भी उसी का हिस्सा है.
इस दौरान पीडीपी चीफ ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को इकठ्ठे होने की अपील की. महबूबा ने केंद्र पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. जम्मू कश्मीर में नाजी वाली पॉलिसी लागू है.
बाहरी लोग भी वोटर लिस्ट में हो सकते हैं शामिल
दरअसल जम्मू-कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. इससे पहले चुनाव आयोग ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि बाहरी लोग भी वोटर लिस्ट में नाम शामिल करा सकते हैं. जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा कि जो गैर कश्मीरी लोग राज्य में रह रहे हैं, वे अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल कराकर वोट डाल सकते हैं. इसके लिए उन्हें निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है.
सुरक्षाबलों के जवान भी डाल सकेंगे वोट
चुनाव आयोग के सीईओ ने बताया कि जम्मू कश्मीर में इस बार करीब 25 लाख नए वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि कर्मचारी, छात्र, मजदूर और कोई भी गैर स्थानीय जो कश्मीर में रह रहा है, वह अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करा सकता है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाबलों के जवान भी वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल करा सकते हैं.
जम्मू कश्मीर में अभी 76 लाख वोटर
उन्होंने बताया कि 15 सितंबर से वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह 25 अक्टूबर तक चलेगी. हालांकि, 10 नवंबर तक दावों और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा. हृदेश कुमार के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में 18 साल से अधिक उम्र के करीब 98 लाख लोग हैं, जबकि अंतिम मतदाता सूची के अनुसार सूचीबद्ध मतदाताओं की कुल संख्या 76 लाख है.