लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी में किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया है। 75 घंटों का धरना किसानों ने गुरुवार को शुरू किया। किसानों के प्रदर्शन ने दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के एक साल से अधिक लंबे चले आंदोलन की याद ताजा कर दी है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में राजापुर कृषि-उत्पादन मंडी समिति में गुरुवार से अपनी लंबित मांगों के लिए किसानों ने 75 घंटे का घरना प्रदर्शन शुरू किया। धरना भारतीय किसान यूनियन-टिकैत (बीकेयू-टिकैत) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कई घटक मिल कर दे रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में न्याय की मांग को लेकर 18 से 20 अगस्त तक धरना प्रदर्शन करेगा। पिछले साल 3 अक्टूबर को जिले के तिकुनिया इलाके में भड़की हिंसा के दौरान लखीमपुर खीरी में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
केंद्र सरकार की ओर से वापस लिए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेने, साल भर के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की भी मांग किसान कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह ने कहा कि उनकी लंबित मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए 75 घंटे के धरने का आयोजन किया गया है। बीकेयू-टिकैत के राष्ट्रीय संगठन सचिव भूदेव शर्मा ने कहा कि किसान 3 अक्टूबर, 2021 की तिकुनिया हिंसा के सिलसिले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग करेंगे, जिसमें उनके बेटे आशीष मिश्रा प्रमुख आरोपी हैं।
इस बीच, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई अन्य हिस्सों से किसान प्रदर्शन में भाग लेने के लिए लखीमपुर पहुंचने लगे हैं। किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। धरना में बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के अलावा दर्शन सिंह पाल, जोगिंदर सिंह उगराहन, योगेंद्र यादव और संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य प्रमुख नेता भी शामिल होंगे। किसानों के प्रदर्शन के दौरान शांति बनाए रखने के लिए विशेष रूप से तैयारी की गई है।