नई दिल्ली
दिल्ली में कोरोना मामलों की रफ्तार बढ़ती जा रही है। दो सप्ताह में ही अस्पतालों में भर्ती किये जाने वाले मरीजों की संख्या में करीब दो गुना बढ़ी है। इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग भी भर्ती किये जा रहे हैं। वैसे तो कोविड-19 संक्रमण में वृद्धि एवं अस्पतालों में रोगियों की भर्ती की संख्या डरावनी स्थिति में नहीं है लेकिन एक्सपर्ट ने मास्क लगाने तथा कोविड-उपयुक्त अन्य व्यवहार के पालन की आवश्यकता दोहरायी है।
अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या
दिल्ली में कोरोना वायरस मरीजों के लिए उपलब्ध 9,405 बिस्तरों में एक अगस्त को 307 (यानी 3.26%) भरे थे । दो अगस्त को यह बढ़कर 3.75% और उसके अगले दिन 4% हो गयी। उसके बाद अधिकतर दिन यह आंकड़ा बढ़ता ही रहा और 16 अगस्त को 6.24% पर पहुंच गया। छह अगस्त को अस्पतालों में 5% और 11 अगस्त को 5.97% कोविड-19 बिस्तर भरे थे। बारह अगस्त को यह आंकड़ा 6.13% था। यह गले दिन आंशिक रूप से घटकर 5.99 प्रतिशत हुआ। 14 अगस्त को यह 6.21% पर पहुंच गया तथा 15 अगस्त को 6.31% रहा।
वायरल संक्रमण से भी बढ़ी संख्या
शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के निदेशक और श्वास विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. विकास मौर्य ने कहा कि पिछले एक सप्ताह और उसके बाद उन्हें इस वायरल संक्रमण के चलते अस्पतालों में भर्ती में इजाफा नजर आ रहा है। उन्होंने कहा, ‘मरीजों में ज्यादातर ऐसे लोग हैं जिन्हें कई अन्य गंभीर बीमारियां हैं तथा उनमें कुछ ने तो टीके भी नहीं लिये हैं। कुछ मरीजों को फेफड़े की परेशानियां हैं जिसका मतलब है कि उन्हें विषाणुरोधी उपचार एवं अन्य कोविड दवाइयों की जरूरत है।’
रोज आ रहे 8 से 10 मरीज
सरकारी अस्पताल लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने मौर्य की बात से सहमति जतायी। उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले सप्ताह और उसके बाद मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गयी है। पहले हमारे यहां रोज चार से पांच मरीज आते थे लेकिन अब प्रति दिन आठ से दस मरीज आ रहे हैं।’’ मंगलवार को सरकार ने कहा कि अस्पतालों को सतर्क रखा गया है।
बूस्टर डोज लेने वाले सुरक्षित
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लोगों से टीके की एहतियाती खुराक लेने की अपील की थी क्योंकि इससे सुनिश्चित होता है कि लोग इस वायरस के विरूद्ध अधिक सुरक्षित है। सिसोदिया ने कहा कि अस्पतालों में भर्ती किये गये कोरोना मरीजों में 90 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं जिन्होंने टीके की बस दो खुराक ली हैं। साथ ही, कोविड की तीसरी खुराक लेने के बाद महज दस प्रतिशत लोग कोरोना की चपेट में आये। इससे यह तो स्पष्ट है कि जिन्होंने एहतियाती खुराक ली है, वे कोरोना संक्रमण से सुरक्षित हैं।