वाराणसी/लखनऊ
वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के लापता छात्र शिव कुमार त्रिवेदी के मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीसीआईडी ने आठ पुलिसकर्मियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। शिव कुमार त्रिवेदी 13-14 फरवरी 2020 की रात बीएचयू परिसर से गायब हो गए थे। बाद में जब परिजन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तब पता चला कि शिव को वाराणसी के लंका थाने की पुलिस अपने साथ ले गई थी। मामले को संज्ञान में लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीसीआईडी को जांच सौंपी जिसमें शुक्रवार को आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसी साल लगभग दो साल बाद वाराणसी पुलिस ने 21 अप्रैल 2022 को हाई कोर्ट को बताया कि शिव की मौत 15 फरवरी 2020 को ही हो गई थी। डीएनए जांच के बाद इसकी पुष्टि हुई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीसीआईडी के इंस्पेक्टर श्यामदास वर्मा ने लंका थाने में दर्ज कराया है। शिव शिवा लगभग ढाई साल पहले लंका थाने से गायब हो गया और फिर मृत पाया गया। इस मामले में तत्कालीन लंका इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी, इंस्पेक्टर प्रद्युम्न मणि त्रिपाठी, इंस्पेक्टर कुंवर सिंह, हेड कांस्टेबल लक्ष्मीकांत मिश्रा, कांस्टेबल ओम कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, विजय कुमार यादव और होमगार्ड संतोष कुमार पर एफआईआर दर्ज हुआ है।
‘हाई कोर्ट में मामले के जाने से मिला न्याय’
इस मामले में याचिकाकर्ता और मुकदमे में पैरवी कर रहे इलहाबाद हाई कोर्ट में वकील सौरभ तिवारी ने बताया कि शिव कुमार त्रिवेदी मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर निश्चित तौर पर न्याय की दिशा में बेहद सकारात्मक पहल है। मामला माननीय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले डिवीजन बेंच में चल रहा है। हाई कोर्ट में मामला नहीं जाता तो मामले का कभी खुलासा नहीं होता और पिता को न्याय नहीं मिलता।
पहले समझिए पूरा मामला क्या है
बात पहले कोरोना काल की है। लॉकडाउन की वजह से बीएचयू के ज्यादातर छात्र अपने घर लौट चुके थे। मध्य प्रदेश के जिला पन्ना, के पोस्ट बड़गढ़ी खुर्द गांव ब्रजपुर के रहने वाले शिव बीएचयू से बीएससी की पढ़ाई कर रहे थे और दूसरे वर्ष के छात्र थे। आखिरी बार उन्हें तब देखा गया था कि जब बनारस की लंका थाने की पुलिस 13-14 फरवरी 2020 की रात अपने साथ ले जा रही थी। 13 फरवरी के बाद शिव का कोई पता नहीं चला। पन्ना में रह रहे किसान पिता प्रदीप कुमार त्रिवेदी वहां से लगातार फोन करते रहे। लेकिन शिव का नंबर नहीं उठा। अंत में प्रदीप बनारस आते हैं। तब पता चला कि शिव तो कई दिन से हॉस्टल आया ही नहीं।
सीबीआईडी कर रही मामले की जांच
बीचयू में बीएससी सेकेंड ईयर के छात्र रहे शिव उस रात कॉलेज परिसर में बैठे थे। खाना खाने के बाद अपने प्राइवेट हॉस्टल से कैंपस में टहलने निकले थे। कुछ देर बाद ही डायल 112 नंबर की गाड़ी आती है और शिव को उठा ले गई। पहले तो पुलिस कहती रही कि है हम उसे लाए ही नहीं थे। फंसता देख बयान बदला और कहा कि हमने तो शिव को छोड़ दिया था। मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad high court) गया। तब से अब तक लगातार सुनवाई हो रही । सीबीआईडी (CBCID) की टीम मामले की जांच कर रही है। इसी साल अप्रैल में लगभग दो साल बाद वाराणसी पुलिस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को बताया कि शिव की मौत हो चुकी है।