ग्वालियर
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की नजर अब ग्वालियर पर है। उन्होंने ग्वालियर-चंबल को एक बड़ी सौगात दी है। इससे चंबल इलाके के लोगों की तकदीर बदल जाएगी। भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस-वे बनाने का निर्णय लिया है। यह एक्सप्रेस-वे 160 किमी लंबा होगा। इसके बनने से भिंड, मुरैना, दतिया, झांसी, शिवपुरी और ग्वालियर के लोगों की तकदीर बदल जाएगी। रोजगार के साथ-साथ टूरिज्म सेक्टर के लिए भी यह एक्सप्रेस-वे बूस्टर डोज का काम करेगा। आगरा आने वाले टूरिस्ट अब डेढ़ से दो घंटे के सफर में ग्वालियर आ सकेंगे। यहां आकर मुरैना से लेकर ग्वालियर तक में भरे ऐतिहासिक चीजों का आनंद उठा सकेंगे।
नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण ग्वालियर से आगरा के बीच पहले से मौजूद फोरलेन हाइवे की दायीं ओर पांच किमी दूर बनेगा। राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसके हिसाब से कहीं-कहीं इसकी दूरी पुराने हाइवे से अधिक हो सकती है। साथ नए एक्सप्रेस-वे के लिए चंबल नदी के ऊपर पुल का निर्माण भी किया जाएगा। मंत्रालय की तरफ से पर्यावरण विभाग को एनओसी के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसके बाद प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जाएगी। यह एक्सप्रेस-वे सिक्स लेन का होगा, जिसकी लागत करीब तीन हजार करोड़ रुपये आएगी।
क्यों बन रहा है यह एक्सप्रेस-वे
ग्वालियर क्षेत्र से आने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि पुराने ग्वालियर-मुरैना-धौलपुर- आगरा मार्ग पर अत्याधिक दबाव है। इसे देखते हुए लंबे समय से उस मार्ग के चौड़ीकरण की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि इसे लेकर हमलोग लगातार प्रयास कर रहे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि बानमोर, मुरैना, धौलपुर आदि नगर में सड़क का विस्तार रहवासी आबादी के कारण संभव नहीं हो पा रहा था। इसके बाद हमने परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ मिलकर इस बात पर मंथन किया कि क्यों न एक नया समनानंतर एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा।
रहवासी इलाकों का नुकसान नहीं
वहीं, प्रस्तावित आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे से रहवासी इलाकों पर ज्यादा असर नहीं होगा। अब धौलपुर, बानमोर और मुरैना में समनानंतर नया एक्सप्रेस-वे बनेगा। यह सिक्स लेन का होगा। यह पूरी तरह से यमुना और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तरह होगा। प्रोजेक्ट की मंजूरी मिलने के बाद विभाग डीपीआर की तैयारी में जुट गया। डीपीआर बनने के बाद जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद काम की शुरुआत हो जाएगी।
ग्वालियर के निरावली तिराहे से शुरुआत
यह एक्सप्रेस-वे ग्वालियर के निरावली तिराहे से प्रारंभ होकर आगरा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे में जुड़ेगा। एक्सप्रेस-वे निर्माण से चंबल इलाके में रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस घोषणा के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ग्वालियर-चंबल सहित पूरे मध्यप्रदेश को विकास और प्रगति के लिए देश की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संकल्पित है।
2023 में है विधानसभा चुनाव
दरअसल, इस महत्वपूर्ण घोषणा का असर आगामी विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा। ग्वालियर-चंबल इलाके में विधानसभा की 34 सीटें हैं। पार्टी की कोशिश है कि विकास की नई रेखा खींचकर इन सीटों पर एक बड़ी जीत हासिल की जाए। इसके इलाके के लिए कुछ महीने पहले भी एक एक्सप्रेस-वे की घोषणा हुई थी। उसका नाम अटल प्रोग्रेस-वे है। इस पर काम शुरू भी हो गया है।
ग्वालियर इन परियोजनाओं पर चल रहा काम
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद चंबल अंचल में विकास की परियोजनाएं रफ्तार पकड़ी है। ग्वालियर में 500 करोड़ की लागत से नए एयरपोर्ट टर्मिनल का निर्माण, 450 करोड़ की लागत से एलिवेटेड रोड, 500 करोड़ की लागत से रेलवे स्टेशन का विकास, एक हजार बेड का नया अस्पताल और 125 करोड़ रुपये की लागत से शंकरपुर में नए क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही 450 करोड़ से अधिक की लागत से चंबल से ग्वालियर के लिए पानी की योजना पर काम चल रहा है।